धार। तलाई स्थित बलखंडी मंदिर में शिव-पार्वती परिवार व हनुमान जी की प्राण-प्रतिष्ठा के साथ आयोजन धूमधाम से हो रहा है। बलखंडी में आसपास के गांव में सुख-समृद्धि और प्राणी मात्र के कल्याण के उद्देश्य को लेकर 5 दिवसीय 21 कुंडीय रुद्र महायज्ञ व मूर्ति प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव की शुरुआत कलश यात्रा के साथ हुई।
कलश यात्रा में शामिल महिलाएं सिर पर कलश रखकर चल रही थीं। महिलाएं व युवतियां भक्ति गीतों पर भी थिरकीं। शिव परिवार की मूर्ति को सुसज्जित रथ में विराजित कर, बलखंडी महाराज श्री रधुवीर महाराज को बग्गी पर बिठाकर नगर में शोभा यात्रा निकाली गई।
आसपास के गांवों में सुख-समृद्धि और प्राणी मात्र के कल्याण के उद्देश्य को लेकर 5 दिवसीय 21 कुंडीय रुद्र महायज्ञ व मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की शुरुआत हुई।
शोभा यात्रा की शुरुआत परिसर की परिक्रमा कर शुरू हुई जो कि नगर भ्रमण कर बलखंडी पहुंची, जहां पंडितों द्वारा विधि विधान पूर्वक पूजा-पाठ कर कलश पूजन करते हुए जल भरकर गांव का भ्रमण करते हुए, नवनर्मित शिव मंदिर प्रांगण पहुंची जहां कलश को स्थापित किया गया।
कलश यात्रा के दौरान गांव में जगह-जगह पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। देर शाम को स्थापित देवी-देवताओं का उत्तर पूजन करके भगवान की आरती उतारी गई व प्रसाद वितरण के पश्चात भजनों के साथ यज्ञशाला की परिक्रमा की गई।
आचार्य पंडित द्वारा आचार्यत्व में वेदपाठी ब्राह्मणों के द्वारा विधि विधान पूर्वक हेमाद्री स्नान, नांदी श्राद्ध, गणेश पूजन एवं मंडप प्रवेश मंत्रोच्चार के साथ सम्पन्न करवाया गया।
इस आयोजन को लेकर आसपास के गांवों में धार्मिक उत्साह का माहौल है। यज्ञ को लेकर यज्ञशाला को गाय के गोबर से लिपकर विशेष रुप से सजाया गया है। नगर में सभी मंदिर एवं गांव में केसरिया ध्वजा लगाई गई है।
आयोजन के अंतर्गत अंतिम दिन भगवान शिव परिवार की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा कर नवीन मंदिर में विराजित की जाएगी। वहीं मंदिर के शिखर पर स्वर्ण कलश स्थापित होगा।
25 से ज्यादा गांव के लोग हो रहे एकत्रित –
बता दें कि बलखंडी मंदिर पर आसपास के करीब 20 से 25 गांव के लोग एकत्रित होते हैं। लोगों ने गांवों से चंदा एकत्रित कर भगवान शिव पार्वती व हनुमान मूर्ति की स्थापना के लिए आयोजन रखा है।
यहां 21 कुंडीय यज्ञ का भी आयोजन हो रहा है। यहां हर शाम हजारों लोगों का भंडारा होता है। बलखंडी मंदिर पर हर रोज हजारों लोग दर्शन करने आ रहे हैं। आसपास के गांव के मध्य होने के कारण गांव के लोग यहां भव्य मंदिर की स्थापना कर रहे हैं।