धार। राजगढ़ का शराब माफिया पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है। अवैध शराब तस्करी के केस में एक साल से शराब ठेकेदार फरार है जिसे पकड़ने के लिए बनाई गई टीमों को अब तक सफलता नहीं मिल पाई है।
इसका कारण शराब ठेकेदार का रसूख और पहुंच बताई जा रही है जिसके चलते धार पुलिस की सक्रियता और सजगता को शराब ठेकेदार ठेंगा दिखा रहा है। साथ ही पुलिस पर भोपाल में नेताओं और बड़े अधिकारियों से दबाव बनाकर फरारी में ही राजगढ़ से अपना शराब का कारोबार संचालित कर रहा है।
धार जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने कार्यभार संभालने के बाद से पूरे जिले में बेहतर कानून व्यवस्था और माफियाओं पर नकेल कसने के लिए पुलिस टीमों को कार्रवाई करने के लिए खुली छूट दी है जिसका परिणाम सकारात्मक रूप से सामने आया।
बीते दिनों अवैध शराब के माफियाओं तक पुलिस के हाथ पहुंचे। मुखबिर तंत्र के जरिये सीधे पुलिस अधीक्षक सिंह तक अवैध कारोबार की सूचनाएं पहुंची और इन सूचनाओं के आधार पर तत्काल कार्रवाई पुलिस टीमों ने की।
गंधवानी से लेकर बदनावर और बाग से लेकर घाटाबिल्लौद और पीथमपुर पुलिस ने अवैध शराब को लेकर बड़ी-बड़ी कार्रवाइयां की। इसके बावजूद राजगढ़ का शराब ठेकेदार सिद्धार्थ जायसवाल पुलिस को चुनौती देने की हिमाकत कर रहा है।
यह है मामला –
12 जुलाई 2022 को लेबड़-मानपुर फोरलेन पर पुलिस ने पिकअप क्रमांक एमपी-10-जी-1648 से भूसे के बीच छिपाकर रखी अवैध शराब की 153 पेटी जब्त की थी। इस शराब की कीमत 3 लाख 67 हजार रुपये के आसपास थी।
पुलिस ने अवैध शराब की तस्करी करने के मामले में पिकअप चालक मंजित पिता तेजसिंह बरेडि़या को गिरफ्तारकार पूछताछ की तो पता चला कि यह शराब मंजीत ने मानपुर जिला इंदौर टोल टैक्स नाका के पास ग्राम खेडीसिहोद स्थित लाइसेंसी शराब ठेकेदार सिद्धार्थ जायसवाल निवासी राजगढ़ हाल मुकाम इंदौर की दुकान से भरी थी।
इस मामले में पुलिस ने जायसवाल सहित सेल्समैन बजरंग उर्फ संतोष जायसवाल को भी आरोपी बनाया। जांच में पता चला कि शराब ठेकेदार जायसवाल ने सेल्समैन बजरंग के साथ मिलकर दिनेश पंवार के वाहन में भरकर राजगढ़ ले जाने के लिए शराब दी थी। इस मामले में पुलिस ने सभी को आरोपी बनाया था, लेकिन आबकारी एक्ट में सिद्धार्थ जायसवाल अब तक फरार चल रहा है।
लॉकडाउन में भी शराब दुकान से बेची थी शराब –
सूत्रों के अनुसार राजगढ़ का रहने वाला सिद्धार्थ जायसवाल है। गौरतलब है कि लॉकडाउन के वक्त भी शराब माफिया सिद्धार्थ जायसवाल की लाइसेंसी शराब दुकान पर सील लगने के बाद पीछे के दरवाजे से सिद्धार्थ जायसवाल ने 90 लाख रुपये से अधिक की शराब बेच दी थी।
इस मामले में आबकारी विभाग धार द्वारा कार्रवाई कर जुर्माने की भी कार्रवाई की गई थी। वर्तमान में फरारी के दौरान भी सिद्धार्थ राजगढ़ में शराब के ठेके संचालित कर रहा है। साथ ही अवैध शराब को बढ़ावा दे रहा है।
तत्कालीन एसपी ने रखा था इनाम –
अवैध शराब तस्करी मामले में तत्कालीन एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने 5 सितंबर 2022 को आदेश जारी कर शराब माफिया सिद्धार्थ जायसवाल पर फरारी के कारण इनाम घोषित किया था। आदेश के तहत शराब माफिया सिद्धार्थ जायसवाल पर पर 3 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा है।
सूत्र बताते हैं कि फरारी के दौरान जायसवाल राजगढ़ में अपना कारोबार संचालित कर रहा है। आबकारी को चालान पेश करने से लेकर बैंक के हर कामकाज पर राजगढ़ में रह कर निपटाता है।
सूत्र बताते हैं कि पुलिस की आंख में धूल झोंक कर या नेताओँ के संरक्षण में वह फरारी काट रहा है। यह कह पाना मुश्किल है, लेकिन सूत्र बताते है कि राजगढ़ थाना क्षेत्र के आसपास सिद्धार्थ को घूमते हुए देखा गया है।
यदि राजगढ़ में लगे पुलिस के सरकारी कैमरों की बारीकी से जांच की जाती है तो उसमें भी कोई न कोई सुराग पुलिस को मिल सकता है। इधर इस मामले में जांच अधिकारी आरएस जादौन से इस मामले में संपर्क करने की कोशिश की गई तो उन्होंने मीटिंग में होने की बात कहकर बात नहीं की।