इस बार ट्रक की सवारी करते नज़र आए राहुल गांधी, सोनिया से मिलने पहुंचे शिमला


राहिल गांधी ने ट्रक ड्राइवरों से उनकी जिंदगी, काम और परेशानियों के बारे में भी बात की। उन्होंने ट्रक ड्राइवरों से यह भी पूछा कि उनकी समस्याओं को कैसे सुलझाया जा सकता है।


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rahul gandhi in truck

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी समाज के अलग-अलग वर्गों में जाकर उनसे मिल रहे हैं। इस बार उन्होंने ट्रक ड्राइवरों से मुलाकात की। राहुल सोमवार देर रात शिमला जाने के लिए निकले थे और रास्ते में उन्होंने कार छोड़कर ट्रक में सवारी की।

राहुल ने अंबाला से चंडीगढ़ तक ट्रक में ही सवारी की। इस दौरान उन्होंने ट्रक ड्राइवरों से उनकी जिंदगी, काम और परेशानियों के बारे में भी बात की। उन्होंने ट्रक ड्राइवरों से यह भी पूछा कि उनकी समस्याओं को कैसे सुलझाया जा सकता है।

सोमवार रात राहुल गांधी ने अंबाला शहर के श्री मांजी साहब गुरुद्वारे में ट्रक को रोकने को कहा। इसके बाद उन्होंने गुरुद्वारे में माथा टेका। इसके बाद उन्होंने कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं से भी बातचीत की। उन्होंने गुरुद्वारे में लंगर का प्रसाद भी लिया।

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने इस बारे में ट्वीट करते हुए लिखा , “यूनिवर्सिटी के छात्रों से, खिलाड़ियों से, सिविल सर्विस की तैयारी कर रहे युवाओं से, किसानों से, डिलीवरी पार्टनरों से, बस में आम नागरिकों से और अब आधी रात को ट्रक के ड्राइवर से… आख़िर क्यों मुलाक़ात कर रहे हैं राहुल गांधी? क्योंकि वो इस देश लोगों की बात सुनना चाहते हैं, उनकी चुनौतियों और परेशानियों को समझना चाहते हैं। उनको ऐसा करते देख एक विश्वास सा झलकता है- कोई तो है जो लोगों के साथ खड़ा है, कोई तो है जो उनके बेहतर कल के लिए किसी भी तरह की क़ुर्बानी देने को तैयार है- कोई तो है जो नफ़रत के बाज़ार में मोहब्बत की दुकान खोल रहा है। और धीरे धीरे यह एहसास हो रहा है कि यह देश लौट जाना चाहता है मोहब्बत और अमन के रास्ते पर, धीरे से यह देश आख़िर चल ही पड़ा है राहुल गांधी के साथ।”

कांग्रेस पार्टी ने मीडिया रिपोर्ट्स  के आधार पर बताया है कि भारत की सड़कों पर तकरीबन 90 लाख ट्रक ड्राइवर्स हैं। इन सभी लोगों की अपनी समस्याएं हैं। ट्रक ड्राइवर्स की ‘मन की बात’ सुनने का काम राहुल ने किया है।

दरअसल, भारी वाहनों और ट्रकों को चलाने वाले इन ड्राइवर्स को रातभर काम करना पड़ता है। इस दौरान कई परेशानियां होती हैं, जिन्हें जानने के लिए ही राहुल इनके बीच पहुंचे थे। राहुल इससे पहले बाईक डिलेवरी करने वाले लोगों के, छात्रों आदि लोगों से मिलते रहे हैं।



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