VIDEO: अचानक लगी आग तो बस छोड़कर भाग गया स्टाॅफ, यात्रियों ने यूं बचाई जान


बस में आग लगी तो स्टॉफ यात्रियों को छोडक़र भाग निकला। जैसे ही आग पर काबू पाया गया, तब स्टॉफ वापस आया। बस में न तो आग बुझाने के इंतजाम थे और न ही उसमें फस्र्ट एड रखा था। बस के परमिट और फिटनेस प्रमाणपत्र का जिक्र भी आगे या पीछे नहीं दिखा। बस का स्ट्रक्चर परिवहन विभाग के नियमानुसार नहीं है। ऐसे में इसका सडक़ पर चलना और यात्री ढोना भी बड़े सवाल खड़े करता है।


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जबलपुर Updated On :

नरसिंहपुर। मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में शनिवार दोपहर करीब एक बजे बड़ा हादसा होने से बच गया। घटना जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर सालीचौका रोड की है। इस हादसे में पांच यात्री जिंदा जलने से बच गए। हालांकि, प्रशासन की लापरवाही घटना से पहले जितनी थी, उतनी ही बाद में भी दिखाई दी।

  •  घटना नरसिंहपुर जिले के सालीचौका रोड की है, जहां दोपहर करीब एक बजे बस में आग लग गई
  •  बस में आग बुझाने के इंतजाम नहीं, परिवहन विभाग के नियमों के अनुरूप भी नहीं था बस का ढांचा
  • तमाम लापरवाहियों के बाद भी बस सवारी कैसे ढो रही थी और घटना के बाद भी उसे जब्त नहीं किया गया यह बड़ा सवाल

सालीचौका स्थित पुलिस चौकी के प्रभारी मुकेश बिसेन ने बताया कि शनिवार दोपहर करीब साढ़े बारह बजे कुचबंदिया ट्रवेल्स की बस (एमपी-49 पी-0488) नरसिंहपुर जिले की तहसील गाडरवारा से पिपरिया के लिए चली। तब बस में पांच यात्री सवार थे। (हालांकि, प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बस में 20 से अधिक यात्री सवार थेे, जो खिडक़ी के रास्ते बाहर निकले) करीब 15 किलोमीटर दूर सालीचौका बाजार पहुंचकर बस ड्राइवर हेमराज लोधी ने सवारी चढ़ाने के लिए बस रोकी। इस बीच बस बंद हो गई। दोबारा जैसे ही बस स्टार्ट हुई, उसके इंजन में आग लग गई और बस के भीतर धुंआ भरने लगा।

खिड़कियों से कूदकर बचाई जान-

बस में आग लगी देख यात्रियों में हडक़ंप मच गया। लोग चीखने-चिल्लाने लगे। चूंकि आग अगले दरवाजे के पास लगी थी और पिछला दरवाजा बंद था, इसलिए लोग खिड़कियों से ही बाहर कूदने लगे। बाहर बाजार में मौजूद लोगों ने यात्रियों की इसमें मदद की। कुछ लोगों ने पानी लाकर इंजन पर डालना शुरू किया, जिससे आग पर काबू पाया जा सका। इस तरह यात्री जिंदा जलने से बच सके।

 

बस का स्टॉफ आग देखकर भाग गया-

बस में आग लगी तो स्टॉफ यात्रियों को छोडक़र भाग निकला। जैसे ही आग पर काबू पाया गया, तब स्टॉफ वापस आया। बस में न तो आग बुझाने के इंतजाम थे और न ही उसमें फस्र्ट एड रखा था। बस के परमिट और फिटनेस प्रमाणपत्र का जिक्र भी आगे या पीछे नहीं दिखा। बस का स्ट्रक्चर परिवहन विभाग के नियमानुसार नहीं है। ऐसे में इसका सडक़ पर चलना और यात्री ढोना भी बड़े सवाल खड़े करता है।

पहली यात्रा पर निकली थी बस और तभी लग गई आग-

सूत्रों के मुताबिक, बस संचालक काके गंगापारी कुचबंदिया की करीब एक दर्जन बसें हैं, जो विभिन्न रूटों पर सवारियां ढोती हैं। गाडरवारा से पिपरिया रूट के लिए शनिवार को यह बस अपनी पहली यात्रा पर थी और करीब 15 किलोमीटर ही चली थी, तभी यह घटना हो गई। बस ड्राइवर हेमराज के अनुसार, सायलेंस का पाइप फट गया और आयल फिल्टर ने आग पकड़ ली। बिना फिटनेस बस को इस रूट पर सवारी ढोने का परमिट किस अधिकारी ने जारी किया, इसकी जांच होनी चाहिए। मगर लापरवाही की हद यह है कि बस को न तो पहले रोका गया और न ही हादसे के बाद कब्जे में लिया गया। घटना के तीन घंटे बाद तक आरटीओ अधिकारियों को इस संबंध में कोई जानकारी नहीं थी।

बस संचालक ने वीडियो जारी कर दी सफाई, जो वायरल हो गया-

गंगापारी कुचबंदिया ने घटना के बाद वीडियो जारी कर अपनी सफाई पेश की और खुद को पाकसाफ बताता रहा। गनीमत यह रही कि हादसे में सभी की जान बच गई वरना अब तक गंगाापारी के साथ-साथ सरकार, पुलिस और आरटीओ अधिकारी भी अपनी-अपनी सफाई पेश करने आ चुके होते। गंगापारी ने बताया कि इंजन में तकनीकी खराबी आने से बस ने धुंआ दे दिया, जिससे लोगों को लगा कि बस में आग लग गई है। मगर ऐसा कुछ हुआ नहीं था और न ही घटना में किसी को नुकसान हुआ है। लापरवाही कि हद यह भी है कि इस घटना के बाद भी बस को पुलिस या आरटीओ ने अपने कब्जे में नहीं लिया है और बस संचालक वीडियो बनाकर बयान जारी कर रहा है।



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