धार। धार जिला अस्पताल इन दिनों हाइटेक होता जा रहा है और मेडिकल कॉलेजों और बडे अस्पतालों में होना वाला इलाज अब मरीजों को जिला अस्पताल में मिलने लगा है। स्पाइन सर्जरी से लेकर जटिल से जटिल ऑपरेशन यहां होने लगे हैं।
दूर-दराज से आए मरीजों को अब इंदौर और अन्य शहरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते हैं। मंगलवार को भी हड्डी विभाग की डॉक्टरों की एक टीम ने एक महिला की सफल स्पाइन सर्जरी की।
महिला कई सालों से घुटने के दर्द से परेशान थी और दर्द की गोलियों का सेवन कर रही थी। जब महिला का दर्द बढ़ने लगा तो परिजन सहित जिला अस्पताल पहुंची, जहां डॉक्टरों के परामर्श के बाद महिला के घुटनों के जोड़ का प्रत्यारोपण कर सफल ऑपरेशन किया गया।
यह ऑपरेशन संभवत: प्रदेश का पहला ऑपरेशन है जो कम संसाधनों में धार जिला किया गया है। महिला अब कुछ ही दिनों में अपने पैरों पर चल-फिर सकेगी।
कई सालों से खा रही थी दर्द की गोलियां –
मंजू पति रमेश निवासी धमरपुरी कई सालों से घुटने के दर्द से परेशान थी और उसके घुटने के जोड़ों ने काम करना बंद दिया था। वह दर्द की गोलियां खाकर दर्द को दबा रही थी, लेकिन जब उसका दर्द बढ़ने लगा और दर्द निवारक गोलियों ने भी काम करना बंद कर दिया तो वह परिजनों के साथ धार जिला अस्पताल पहुंची।
यहां उसने अपनी समस्या के बारे में ऑर्थोपेडिक डॉक्टर छत्रपाल सिंह चौहान को बताया। डॉक्टर चौहान ने महिला का एक्सरे किया तो उसमें घुटने के जोड़ों से जुड़ी बीमारी नजर आई, ऐसी बीमारियों में घुटने के जोड़ों का प्रत्यारोपण होता है जिसमें लाखों रुपये का खर्च आता है।
अब अपने पैरों पर चल सकेगी मंजू –
डॉक्टरों के परामर्श के बाद मंजू ने अपने परिजनों से चर्चा की और ऑपरेशन के लिए तैयार हो गई। मंगलवार को डॉक्टरों की टीम ने जिला अस्पताल में मंजू के घुटने के जोड़ के प्रत्यारोपण का ऑपरेशन शुरू किया जो एक घंटे तक चला जिसमें उसके घुटनों के दोनों जोड़ों का प्रत्यारोपण किया गया।
ऑपरेशन में कुछ दिनों तक ऑब्जर्वेशन में रखने के बाद मरीज को छुट्टी दे दी जाएगी और वह अपने पैरों पर पहले की तरह चल सकेगी।
डॉक्टरों की टीम ने बताया कि हड्डी रोगों से संबधित ऑपरेशन में जोड़ प्रत्यारोपण सबसे बड़ी सर्जरी मानी जाती है। जिला अस्पताल में इस तरह की सर्जरी होना एक बड़ी उपल्ब्धि है।
जिला अस्पताल के हड्डी रोग के विशेषज्ञ डॉक्टर छत्रपाल सिंह चौहान ने बताया कि
जिले में ऐसे कई मरीज हैं जिन्हें घुटने बदलने की आवश्यकता है, लेकिन जानकारी के अभाव और जिला अस्पताल में उपलब्धता ना होने से लोग दर्द की गोलियां खाते रहते हैं, जिससे शरीर की हड्डियां कमजोर और खराब होती हैं। जोड़ प्रत्यारोपण कराने से मरीजों के घुटने की समस्या खत्म हो जाती है।
इस जटिल स्पाइन सर्जरी में डॉक्टर छत्रपाल सिंह चौहान के साथ डॉक्टर राजेंद्र ठाकुर, डॉक्टर गिरिराज बुर्राह, डॉक्टर अजेंन्द्र, रंजना सिस्टर, शीना सिस्टर, राजेंद्र, चिंटू और हाशिम का भी योगदान रहा।