भोपाल। प्रदेश सरकार की मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में ब्याज न चुका पाने वाले किसानों यानी डिफाल्टर हो चुके किसानों का ब्याज माफ करने की योजना को मंजूरी दे दी गई। इस योजना के तहत सरकार 11 लाख 19 हजार किसानों का 2,130 करोड़ रुपये का ब्याज माफ करेगी और उन्हें प्रमाणपत्र भी देगी।
इस योजना में सहकारिता विभाग और कृषि विभाग की भूमिका रहेगी। सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया और कृषि मंत्री कमल पटेल ने बताया कि 25 मई को भोपाल में किसानों का महासम्मेलन होगा। योजना के लिए आवेदन पत्र 13 मई से लेना प्रारंभ किए जाएंगे। 12 मई को प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति के कार्यालयों में डिफाल्टर किसानों की सूची चस्पा की जाएगी औ फिर दावे-आपत्ति का का परीक्षण 16 से 18 मई के बीच किया जाएगा। इसके आधार पर इसी महीने 22 मई को जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों को ब्याज की राशि अंतरित कर दी जाएगी।
#मध्यप्रदेश #कैबिनेट की बैठक #मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी @ChouhanShivraj की अध्यक्षता में संपन्न हुई ।
जिसमे अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए ।@drnarottammisra @BJP4MP pic.twitter.com/z85hnAZMVi— Anil Patel (@AniLKPatelBJP) May 4, 2023
किसान तीस नवंबर तक योजना का लाभ लेने के लिए पात्र होंगे और तब तक आवेदन भी कर सकेंगे। ब्याज माफी के बाद किसानों को एक प्रमाणपत्र भी जारी किया जाएगा जिसके आधार पर वे समितियों से फिर से पहले की तरह खाद-बीज मिलना ले सकेंगे। कैबिनेट बैठक में किसानों को लेकर एक और निर्णय लिया गया। इसके तहत उनके गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की अवधी बढ़ाकर 20 मई तक कर दी गई है। पहले ये अवधि 10 मई को समाप्त हो रही थी।