छतरपुर। मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में 18 वर्षीय एक युवती के साथ गैंगरेप होने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पीड़िता निर्वस्त्र अवस्था में बेहोशी की हालत में छतरपुर से लगे उत्तर प्रदेश की सीमा में मिली थी।
पुलिस द्वारा उसे तत्काल अस्पताल ले जाया गया था जहां उपचार के बाद उसने पुलिस को बयान दर्ज कराया जिसके आधार पर पुलिस ने नौ लोगों पर अपहरण और गैंगरेप की धाराओं में एफआईआर दर्ज की है जिसमें से एक आरोपी छतरपुर के राजनगर थाने में पदस्थ एक पुलिस कॉन्स्टेबल और एक महिला भी है।
पुलिस के मुताबिक, युवती ने अपने बयान में बताया है कि कॉन्स्टेबल पर रेप का एक केस पहले से दर्ज है। आरोपियों ने ये केस वापस लेने का दबाव बनाया और नहीं मानने पर इस कुकृत्य को अंजाम दिया।
छतरपुर के एसपी अमित सांघी ने युवती द्वारा लगाए गए आरोप के बाद आरोपी कॉन्स्टेबल को निलंबित करते हुए मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है जो मामले को लेकर पूरी सतर्कता के साथ जांच करेगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीड़िता युवती नौगांव-अलीपुरा नेशनल हाईवे-39 के किनारे उत्तर प्रदेश की सीमा पर रखी एक गुमटी के पीछे बुधवार सुबह मिली थी।
घटनास्थल महोबा जिला (उत्तर प्रदेश) होने के कारण महोबा पुलिस पहले युवती को नौगांव सिविल अस्पताल ले गई। इसके बाद हालात गंभीर होने पर जिला अस्पताल लाया गया।
युवती के होश में आने के बाद महोबा और छतरपुर पुलिस ने बयान लिए। उसने घटना छतरपुर की बताई। युवती ने बताया कि कॉन्स्टेबल संजय तिवारी पर रेप का केस चल रहा है। केस होने के बाद से वो फरार था। एसपी ने उसे निलंबित कर दिया था।
इसी केस की पेशी के लिए वह डेढ़ महीने पहले छतरपुर आई थी। तब आरोपी और उसके परिवार के लोगों ने उसका अपहरण कर लिया और अलग-अलग जगह रखा, पीटा और गैंगरेप किया।
दूसरी तरफ, आरोपी परिवार की ओर से भी युवती को षड्यंत्रकारी बताते हुए एसपी से शिकायत की गई है। आरोपी कॉन्स्टेबल और उसका परिवार टीकमगढ़ के खरों गांव का रहने वाला है।
परिवार ने आरोप लगाया है कि आरोप लगाने वाली युवती कई बार लोगों पर झूठे केस दर्ज करा चुकी है। संजय के रिश्तेदार दिलीप ने कहा कि रुपये ऐंठने के लिए उसने झूठा केस कराया है।
17 अप्रैल को वह संजय के पिता से रुपये की डिमांड करने उनके गांव खरों भी गई थी। तब उन्होंने थाने में शिकायत भी की थी।
युवती ने हरदोई जिले में भी एक अन्य कॉन्स्टेबल सूरज प्रसाद पांडे पर रेप का केस कराया था। जांच में पुलिस ने इसे झूठा पाते हुए खात्मा लगा दिया था।