नई दिल्ली। देश में गर्मी का सितम शुरू हो गया है और कई राज्य लू की चपेट में हैं। कुछ जगहों पर तो पारा 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उत्तर भारत में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जा रहा है, वहीं दक्षिण के राज्यों में तापमान 42-43 डिग्री तक पहुंच गया है।
यहां तक की देश के कई राज्यों में लू का ऑरेंज अलर्ट भी जारी हो गया है। इस लेख में हम जानेंगे कि लू या हीटवेव क्या है और इससे कैसे बचा जा सकता है।
भीषण गर्मी को देखते हुए पश्चिम बंगाल में सरकार ने सभी स्कूल-कॉलेज इस हफ्ते बंद रखने का आदेश दिया है। मौसम विभाग ने पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश में लू का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
पंजाब और हरियाणा में भी लू चलेगी। इसे लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। 17 और 18 अप्रैल को पश्चिमी मध्य प्रदेश में लू चलने की आशंका है। पश्चिम बंगाल के गंगीय इलाकों में बीते छह दिनों से, आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में बीते चार दिनों से और बिहार में बीते दो दिनों से लू चल रही है।
IMD issues #heatwave warning for West Bengal, Bihar, and Coastal Andhra Pradesh over the next four to five days.
☀️Maximum temperatures will be in range of 40°C to 42°C degree Celsius over many parts of plains of Northwest India and adjoining Madhya Pradesh and East India. pic.twitter.com/KRhco1oBW9
— All India Radio News (@airnewsalerts) April 17, 2023
लू या हीटवेव क्या है –
हीट वेव अत्यधिक गर्म मौसम की अवधि है जो आमतौर पर दो या उससे अधिक दिनों तक रहती है। जब तापमान किसी दिए गए क्षेत्र के ऐतिहासिक औसत से अधिक हो जाता है तो उसे हीट वेव या लू कहते हैं।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, जब मैदानी इलाकों का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक और पहाड़ी क्षेत्रों का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है तो लू चलने लगती है।
यदि तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, तो इसे खतरनाक लू की श्रेणी में रखा जाता है। तटीय क्षेत्रों में जब तापमान 37 डिग्री सेल्सियस हो जाता है तो हीट वेव चलने लगती है।
हीटवेव से बचाव जरूरी –
गर्मियां शुरू हो गई है। देश में इस समय हीट वेव यानी लू की लहर चल रही है। ऐसे में गर्मियों से होने वाली बीमारियों का खतरा भी मंडराने लगा है।
ऐसे में लू से बचाव बहुत जरूरी है क्योंकि अगर जरा सी भी लापरवाही हुई तो हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन और डायरिया जैसी कई बीमारियों का खतरा गर्मी बढ़ जाता है।
बड़े हो या बच्चे कोई भी हीटवेव से पीड़ित हो सकता है। ऐसे में हीटवेव से बचाव के उपायों को जानना जरूरी हो जाती है।
शरीर को रखें हाइड्रेटेड –
गर्मियों में खुद को हाइड्रेटेड रखना और शरीर के अंदर पानी की कमी न होने देना यह सबसे ज़रूरी होता है। ऐसे में आपको निरंतर किसी न किसी माध्यम से अपने शरीर की पानी की आवश्यकता को पूरा करना होता है।
गर्मियों में ज़्यादातर बीमारियां जैसे डायरिया, एसिडिटी इत्यादि पानी कम पीने और गलत खान पान के कारण होती हैं। गर्मी में जब भी घर से बाहर निकले अपने पास पानी की बोतल जरूर रखें। साथ ही गर्मी के मौसम में मौसमी फल जैसे तरबूज, खरबूज, ककड़ी, खीरा आदि का सेवन अधिक करें।
सॉफ्ट ड्रिंक्स के सेवन से बचें –
अधिकांश हमने देखा है की लोग गर्मी के मौसम में कार्बोनेटेड ड्रिंक्स का सेवन ज्यादा करते हैं। इसमें भारी मात्रा में शुगर और हानिकारक प्रिज़र्वेटिव होते है जो शरीर के लिए हानिकारक होते हैं।
सॉफ्ट ड्रिंक का सेवन करने से जहां एक ओर वजन बढ़ता है वहीं दूसरी ओर डायबिटिज जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है, लेकिन अगर सॉफ्ट ड्रिंक की जगह पर हम देसी ड्रिंक जैसे सत्तू का शरबत, शिकंजी, नारियल पानी, लस्सी या फिर मट्ठा का इस्तेमाल करते हैं तो ये स्वादिष्ट होने के साथ साथ पौष्टिक भी होते हैं और शरीर में पानी की कमी को भी पूरा करते हैं। इसके अलावा गर्मी में बेल के शरबत गरम हवाओं के प्रभाव से शरीर को बचाता है।
ज्यादा तेल-मसाले और तले-भुने भोजन से बचें –
गर्मी के मौसम में कुछ बातों का खास ध्यान रखने की ज़रुरत होती है। इस मौसम में कम पानी पीने, बासी खाना, बाजार के पैक सामान का सेवन करने से बचना चाहिए। कॉफी और चाय का सेवन भी कम करना चाहिए।
कॉफी और चाय डिहाइड्रेशन होने की सम्भावनाओं को बढ़ा देती हैं। इसके अलावा हल्के भोजन का सेवन करना चाहिए। इस तरह के भोजन को जहां पचाने में आसानी होती है वहीं एसिडिटी का खतरा भी काफी कम हो जाता है।
बाहर निकलते समय शरीर को रखें कवर –
गर्मियों में हल्के रंग और कॉटन के कपड़ों को प्रमुखता दें। तेज धूप में बाहर निकलते समय खुद को कवर करके ही निकलें। धूप का चश्मा पहनें।