इंदौर। इंदौर शहर के लक्ष्मीबाई अनाज मंडी के बाहर एक हजार से ज्यादा किसान सड़क पर उतर आए हैं और मांग कर रहे हैं कि गेहूं की सरकारी खरीदी में चमकविहीन गेहूं की भी खरीदी की जाए।
बीते एक हफ्ते में दूसरी बार नाराज किसानों ने हंगामा किया है। हंगामा कर रहे किसानों ने प्रशासन पर भी मनमानी करने का आरोप लगाया है।
दूसरी तरफ, सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट बैठक में मंत्रियों को कहा कि सरकार ने फैसला किया है कि 10 प्रतिशत तक चमकविहीन गेहूं समर्थन मूल्य पर उपार्जन करेगी।
हालांकि, प्रशासन के पास अभी तक इस फैसले का आदेश नहीं पहुंचा है, ऐसे में वह फिलहाल खरीदी नहीं कर रहा है जिसे लेकर किसानों का हंगामा जारी है। इस फैसले से बाजार में इस समय 1700-1800 रुपये क्विंटल बिक रहा गेहूं, सरकारी खरीद में करीब 2700 से 2800 रुपये प्रति क्विंटल तक बिक सकेगा।
इस बीच, इंदौर जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी जारी है और अब तक यहां 2728 किसानों से 32 हजार 344 मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी की जा चुकी है।
जिले में इसके लिए 97 खरीदी केन्द्र बनाए गए हैं जहां पर किसानों की सुविधा के लिये सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं। जिला कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी ने खरीदी केन्द्रों पर व्यवस्थाओं की सुनिश्चितता के लिये संबंधित विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं।
इसके परिपालन में जिला विपणन अधिकारी अर्पित तिवारी सहित अन्य अधिकारियों ने खरीदी केन्द्रों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। बताया गया कि खरीदी केन्द्रों पर किसानों के बैठने, पेयजल, छाया, तोलकाटे आदि के पर्याप्त इंतजाम है।
जिला विपणन अधिकारी अर्पित तिवारी ने मीडिया से चर्चा में कहा कि किसानों को स्लॉट बुकिंग में आ रही तकनीकी समस्या को दूर करने के लिये तेजी से प्रयास जारी है। समस्या एक या दो दिन में दूर कर ली जाएगी।
उन्होंने बताया कि जिले में सभी पंजीकृत किसानों से निर्धारित गुणवत्ता का शत-प्रतिशत गेहूं क्रय किया जाएगा। किसी भी किसान को परेशानी नहीं आयेगी। जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी 10 मई तक की जायेगी।
राज्य सरकार द्वारा 28 मार्च से गेहूं उपार्जन प्रारंभ किया गया था। इस वर्ष गेहूं का समर्थन मूल्य 2125 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।