नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले के नेपाल की सीमा से लगे बनकटी गांव की तस्वीर को जल जीवन मिशन ने बदल दिया है। बरसों-बरस से अपने अधिकारों से वंचित थारू जनजाति को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का काम करते हुए जल जीवन मिशन उनकी जिंदगी को संवारने का काम कर रहा है।
बनकटी गांव में 765 थारू जनजाति निवास करती है जहां कुल 116 हाउसहोल्ड हैं और इन लोगों को जल जीवन मिशन के तहत हर घर जल योजना से स्वच्छ जल की आपूर्ति सुनिश्चित हो रही है।
आत्मनिर्भरता की लिखी जा रही नई इबारत –
गांव की थारू महिलाएं व बेटियां FTK प्रशिक्षण कार्यक्रम से जुड़कर आत्मनिर्भरता की एक नई इबारत लिख रहीं हैं। थारू महिलाएं जल जीवन मिशन के जरिए दूसरों को भी जागरूक करने का काम कर रहीं हैं। थारू महिलाएं और किशोरियां हर 10 दिन में क्षेत्र में जल परीक्षण कर जल की जांच कर रही हैं।
आर्सेनिक, फ्लोराइड और आयरन की अधिक मात्रा से जूझ रहे श्रावस्ती में महिलाओं को दिए गए FTK प्रशिक्षण द्वारा जल की गुणवत्ता की जांच होने से दूषित जल की समस्या का निदान हुआ है। जल स्रोतों पर पहुंचकर जल गुणवत्ता के 12 मानकों की जांच महिलाएं कर रही हैं।
जल जनित बीमारियों से मिली निजात –
जल जीवन मिशन से दूषित पानी, जल जनित बीमारियों और जल संकट से ग्रस्त श्रावस्ती के बनकटी गांव की स्थिति में अब तेजी से सुधार हो रहा है। जल जीवन मिशन के तहत फील्ड टेस्ट कीट के जरिए जल की गुणवत्ता जांचने का कार्य किया जा रहा है जिससे संक्रमण की दर में कमी आई है।
2024 तक नल से जल कनेक्शन देना लक्ष्य –
वर्ष 2024 तक हर ग्रामीण घर तक नल से जल पहुंचाने की सरकार की प्रतिबद्धता पूरी करने की दिशा में जल जीवन मिशन अग्रसर रहा है। ज्ञात हो, पीएम मोदी की परिकल्पना को साकार करने के लिए, बहुत कम अवधि तथा कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन की दिक्कतों के बावजूद जल जीवन मिशन ने 19 अगस्त 2022 तक 10 करोड़ ग्रामीण परिवारों को नल के माध्यम से सुरक्षित और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करा दिया था।
इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए देश में 11 करोड़ नल जल कनेक्शन उपलब्ध करा दिए गए हैं। देखा जाए तो जल जीवन मिशन पूरे देश के लिए मील का पत्थर साबित हुआ है जो केंद्र सरकार की बड़ी उपलब्धि को दर्शाता है।
भारत सरकार राज्यों के साथ साझेदारी में 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण घर में नल से जल आपूर्ति का प्रावधान करने के लिए जल जीवन मिशन (जेजेएम) को लागू कर रही है।