धार। शासन द्वारा नई शराब नीति आने के बाद शराब ठेकेदारों ने इस बार दुकानों की खरीदी में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई व आख़री तारीख तक जिले की एक भी दुकान नहीं गई थी। सरकार द्वारा इसबार 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के बाद भी शराब ठेके नहीं उठाए गए।
एक भी पुराने ठेकेदार ने ठेकों को रिन्युअल नहीं कराया व तारीख निकल जाने के बाद विभाग द्वारा टेंडर प्रक्रिया लाई गई। टेंडर प्रक्रिया भी तीन से चार बार लाने के बाद जिले में 24 समूह बनाए थे, जिसमें जिलों की दुकान अलग-अलग समूह में अलग-अलग ठेकेदारों द्वारा ली गई।
प्रदेश में नई शराब नीति लागू होने के बाद 1 अप्रैल से शराब दुकानों के अवैध अहातों को बंद करने का निर्णय सरकार ने लिया था। इस पर अमल होता भी देखने को मिला। 1 अप्रैल से शहर सहित जिलेभर के शराब अहातों को बंद कर दिया गया है।
जिलेभर के कुल 63 अहातों को बंद किया गया है। अहाते बंद होने के बाद आबकारी विभाग का अमला शनिवार देर शाम शराब दुकानों का निरीक्षण करने के लिए भी पहुंचा। धार शहर के चारों समूहों में आने वाली शराब दुकानों का आबकारी की टीम ने निरीक्षण किया।
पीने वालों के अलग अंदाज –
शहरभर में आज एक अलग ही अंदाज देखने को मिला। अहाते बंद होने के कारण शराब के शौकीनों ने सड़क पर ही मजमा लगाना शुरू कर दिया। दिनभर तो कुछ ऐसी गतिविधियां नजर नहीं आई, लेकिन शाम होते ही जो लोग काम-धंधे से छुट्टी होने पर शराब दुकानों पर पहुंचे तो ओर शराब लेने के बाद किसी सुनसान जगह तो कोई फोरलेन की राह पकड़ ली जो दुकानें मुख्य मार्गों से लगी हुई हैं वहां ज्यादा दिक्कत आ रही हैं।
जो भीड़ अहाते में बैठी रहती थी वह सड़क पर दिखाई देने लगी है। इसका असर उलटा होगा और सरेराह छेड़छाड़ की घटनाएं होंगी, दुर्घटना की भी संभावना है।
पहले भी मैदान अहाते थे और आज भी हैं –
सरकार की नई नीति आने के बाद पीने वालों में बेचैनी बढ़ गई है जो व्यक्ति पहले मैदानों में बैठ कर पीते थे आज भी उनके लिए वह अहाते के रूप में है। जो मैदान शराबियों के लिए पहले भी आबाद रहता था और अब और ज्यादा जाम छलकते नजर आए, लेकिन पुलिस कार्रवाई करते नजर आयेगी या नहीं इसका पता नहीं।
आबकारी टीम में शामिल राजकुमार शुक्ला ने टीम के साथ अहातों का निरीक्षण किया। इस दौरान गाछावाड़ी, जैतपुरा, मोहन टॉकिज, बस स्टैंड दुकानों के अहाते देखे गए। हालांकि अहाते पहले से बंद कर दिए गए थे।
इसके बाद टीम ने शहर की होटलों पर भी जाकर जांच की। साथ ही होटल संचालकों को भी समझाइश दी गई है। नई नीति के तहत अहातों पर शराब परोसने पर प्रतिबंध है। साथ ही अहातों का संचालन भी बंद कर दिया गया है।
अहाते किए बंद तो बार का दें लाइसेंस –
नाम ना लिखने की शर्त पर एक युवक ने कहा कि जिले व शहर में पीने वालों ने बताया कि शासन द्वारा अहाते तो बंद कर दिए गए हैं, लेकिन लोगों की फजीहत भी हो रही है।
सरकार को पीने वालों की ओर भी ध्यान देना चाहिए व ठेकेदार द्वारा आवेदन कर विभाग को बार खोल देना चाहिए जिससे हम पीने वालों को सुविधा बनी रहे जिससे हम रोड व अन्य जगह बैठकर शराब नहीं पीयें जिससे किसी को परेशानी नहीं होगी।