नई दिल्ली। जल संरक्षण की दिशा में केंद्र सरकार को बड़ी सफलता मिली है। बता दें कि देशभर में अब तक 40 हजार से ज्यादा अमृत सरोवर बनाए जा चुके हैं।
यह उपलब्धि पिछले साल अप्रैल में मिशन अमृत सरोवर शुरू होने के बाद 11 महीने की छोटी अवधि में हासिल हुई है। मिशन के तहत इस वर्ष 15 अगस्त तक 50 हजार अमृत सरोवर बनाने का लक्ष्य है।
ग्रामीण इलाकों में पानी के संकट को खत्म करने के उद्देश्य से पीएम मोदी ने पिछले वर्ष 24 अप्रैल को मिशन अमृत सरोवर की शुरुआत देश के हर जिले में कम से कम 75 अमृत सरोवर के निर्माण के उद्देश्य से की थी।
जाहिर है यदि देश में 75 अमृत सरोवर का निर्माण होगा तो भू-जल बढ़ाने में खासी मदद मिलेगी। ऐसे में कल्पना कर सकते हैं कि पीएम मोदी द्वारा लिया गया यह संकल्प पूरा होता है तो पूरे देश में जल संकट की बड़ी समस्या का समाधान होगा और हमारी आने वाली पीढ़ियों का जीवन भी सुरक्षित हो जाएगा। वहीं देश में सूखा ग्रस्त इलाकों की पानी की समस्या का समाधान हो जाएगा।
A target of construction of 50,000 #Amrit_Sarovars was set to be completed by 15th August, 2023. Within a short span of 11 months, so far, more than 40,000 Amrit Sarovars have been constructed, which constitutes 80% of the total target. pic.twitter.com/u5Ob8BVTpc
— Mahatma Gandhi NREGA GOI (@MgnregaGoi) March 30, 2023
जलवायु परिवर्तन से निपटने की दिशा में बड़ा कदम –
वहीं भारत सरकार ने यह ‘मिशन अमृत सरोवर’ 15 अगस्त 2023 तक पूरा किया जाने का लक्ष्य तय किया है। इस दौरान देश में लगभग 50,000 अमृत सरोवर का निर्माण किया जा सकता है।
इनमें से प्रत्येक अमृत सरोवर में 10,000 घन मीटर की जल धारण क्षमता के साथ लगभग 1 एकड़ का क्षेत्र होगा। इसके साथ ही सरोवरों में साल भर जल की उपलब्धता बनी रहे, इसके इंतजाम भी किए गए हैं।
इन्हें मुख्यत: वर्षा जल संचयन कर भरा जाएगा। अमृत सरोवर के तट पर नीम, पीपल, कटहल, जामुन, बरगद, सहजन और महुआ आदि के पौधे लगाए जाएंगे।
क्या है इस मिशन की उपयोगिता –
ध्यान देने योग्य है कि बीते कुछ साल में विश्व के ज्यादातर हिस्सों में गर्मी बहुत तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में बढ़ती हुई गर्मी पानी बचाने की हमारी जिम्मेदारी को उतना ही बढ़ा रही है।
हो सकता है कि आप अभी जहां हैं वहां पानी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो, लेकिन आपको उन करोड़ों लोगों को भी हमेशा याद रखना होगा जो जल संकट वाले क्षेत्र में रहते हैं, जिनके लिए पानी की एक-एक बूंद अमृत समान होती है।
ऐसे में आज भारत जिन संकल्पों को लेकर आगे बढ़ रहा है उनमें ‘जल संरक्षण’ भी एक है। कहते हैं कि पानी की उपलब्धता और पानी की किल्लत किसी भी देश की प्रगति और गति को निर्धारित करते हैं।
पृथ्वी पर जल के बिना जीने की कल्पना तक नहीं की जा सकती। जल केवल मानव जाति के लिए ही नहीं बल्कि जीव-जन्तुओं और पेड़ पौधों के लिए भी आवश्यक है। समस्त जीव जगत का आधार ही जल है इसलिए कहा भी गया है कि ‘जल ही जीवन है।’