नई दिल्ली। उत्तर-पूर्व में पर्यटन को बड़े स्तर पर प्रमोट करने को लेकर सरकार काफी सजग और लगातार अवसरों को तलाश रही है। उत्तरपूर्वी राज्यों में पर्यटन की असीमित संभावनाएं व्याप्त हैं।
सरकार इन्हीं संभावनाओं का लाभ उठाना चाहती है जिससे न सिर्फ उत्तर-पूर्वी राज्यों का क्षेत्रीय विकास हो बल्कि साथ ही उनके लिए आर्थिक तरक्की के द्वार भी खुल सकें।
पर्यटन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2022 के दौरान 118.45 लाख घरेलू और 1.04 लाख विदेशी पर्यटकों ने पूर्वोत्तर राज्यों का दौरा किया।
केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर में पर्यटकों का दायरा बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत है। इसी का परिणाम है कि पूर्वोत्तर के राज्यों में बीते साल 119.49 लाख यानी रिकॉर्ड 1 करोड़ से अधिक पर्यटक पूर्वोत्तर के राज्यों में पहुंचे।
इसे और भी बढ़ावा देने के लिए एनईसी ने पर्यटन हितधारकों के साथ परामर्शी बैठकें आयोजित करने सहित एनईआर में पर्यटन के विकास के लिए बाधा मुक्त वातावरण बनाने के लिए विभिन्न पहल की हैं।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 21.10.2016 को क्षेत्रीय संपर्क योजना UDAN (उड़े देश का आम नागरिक) शुरू की है ताकि देश भर में क्षेत्रीय हवाई संपर्क को बढ़ाया जा सके।
इसके तहत रूपसी, तेजू, तेजपुर, पासीघाट, जोरहाट, लीलाबाड़ी, शिलांग, पाकयोंग, ईटानगर और दीमापुर में पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर) में 64 मार्गों से जुड़े हवाईअड्डे उड़ान के तहत परिचालन में आ गए हैं।
पूर्वोत्तर में हैं अपार पर्यटन की संभावनाएं –
पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर) के राज्य अपार प्राकृतिक सुंदरता, विविध पर्यटक आकर्षणों, विशिष्ट जातीय परंपराओं से संपन्न हैं और प्रत्येक राज्य की अपनी अनूठी विशेषताएं हैं। पूर्वोत्तर क्षेत्र में पर्यटन का विकास और बढ़ावा देना पर्यटन मंत्रालय के प्रमुख ध्यान देने वाले क्षेत्रों में से एक है।
पर्यटन मंत्रालय क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचे के विकास, प्रचार और प्रसार, कौशल विकास आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों पर लगातार काम कर रहा है।
लोकल कला और संस्कृति को मिलेगा बढ़ावा –
पर्यटन मंत्रालय 13 सितंबर को पूर्ण सत्र में अपनी प्रस्तुति के दौरान, पूर्वोत्तर में पर्यटन बुनियादी ढांचे, प्रोत्साहन और कौशल विकास कार्यक्रमों के निर्माण के लिए कई परियोजनाओं और पहलों के बारे में जानकारी देगा।
पर्यटन के विकास के लिए स्थानीय कला और संस्कृति को बढ़ावा देने पर संस्कृति मंत्रालय द्वारा प्रस्तुतियां भी दी जाएंगी।
नागरिक विमानन, रेलवे, सड़क परिवहन और राजमार्ग और दूरसंचार विभाग जैसे केंद्र सरकार के अन्य मंत्रालय भी क्षेत्र में बुनियादी ढांचे और संपर्क के विकास और वृद्धि के लिए उनके द्वारा की गई विभिन्न पहलों पर प्रस्तुति देंगे।
कई योजनाओं से दिया जा रहा बुनियादी ढांचों को बढ़ावा –
पर्यटन मंत्रालय अपनी बुनियादी ढांचा विकास योजनाओं के तहत, ‘स्वदेश दर्शन’ और ‘प्रसाद’ जैसी योजनाओं से राज्यों को विभिन्न पर्यटन स्थलों पर बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
ये योजनाओं के तहत तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक, विरासत संवर्धन अभियान पर राष्ट्रीय मिशन शामिल हैं। स्वदेश दर्शन योजना के तहत विभिन्न विषयों के तहत टियर II और टियर III के गंतव्यों पर पर्यटन विकास किया जाता है।
पर्यटन मंत्रालय ने स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत पूर्वोत्तर क्षेत्र में 1300 करोड़ रुपये से अधिक की 16 परियोजनाओं जैसे पूर्वोत्तर, विरासत, इको सर्किट, आध्यात्मिक, आदिवासी आदि को मंजूरी दी है।