इंदौर। जब सांसद विधायक नेताओं को मंदिर एयरपोर्ट बस ट्रेन में वीआईपी सुविधा मिलती है तो उनके ऊपर लगे प्रकरण की कार्रवाई के लिए भी फास्ट ट्रेन होना चाहिए ताकि जल्दी से जल्दी सुनवाई हो और न्याय की जीत हो।
यह बात शनिवार को महू में आंबेडकर विचार मंच द्वारा आयोजित एक विचार गोष्ठी में वक्ता अश्विनी उपाध्याय ने कही। आंबेडकर विचार मंच द्वारा विचार गोष्ठी को संसदीय अत्याचार का नाम दिया गया था। यहां वकील अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि देश के कानून बनाने की जिम्मेदारी सांसदों व विधायकों की होती है लेकिन ज्ञान के अभाव में वह अपने जिम्मेदारी नहीं निभा पाते तो फिर क्यों ना ऐसे विधायक को सांसद और नेताओं को नकारा जाए।
उन्होंने कहा कि जब चपरासी से लेकर क्लर्क बनने के लिए शैक्षणिक योग्यता तय है तो फिर विधायक व सांसद बनने के लिए भी शैक्षणिक योग्यता का होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि देश में इन दिनों समाज और नागरिकों को जातिवाद के नाम पर बांटा जा रहा है इसके लिए विदेशों से करोड़ों की फंडिंग हो रही है रोक दिया जाए तो जातिवाद समाप्त होगा बल्कि देश का भ्रष्टाचार भी समाप्त हो जाएगा।
उपाध्याय ने कहा कि वर्तमान समय में हर देशवासियों को एकजुट रहने की आवश्यकता है देश के कुछ नेता सिर्फ दो चीज के लिए ही राजनीति करते हैं या तो वोट के लिए या फिर नोट के लिए।
और एक बार नेता बनने के बाद जिंदगी भर कमाते हैं आजीवन सदस्य बने रहते हैं लेकिन पिछले कुछ समय से जिन नेताओं पर आरोप सिद्ध हुए हैं उनकी संसद सदस्यता तत्काल रद्द की गई यही हमारी एक बहुत बड़ी जीत है।
इस विचार गोष्ठी में मंच पर मंच के अध्यक्ष सुरेश मजदे, राधेश्याम बियाणी, प्रीति खंडेलवाल, विक्रम दुबे और आंबेडकर स्मारक समिति से राजेश वानखेड़े मौजूद रहे। विचार गोष्ठी को सुनने के लिए बड़ी संख्या में शहर के नागरिक उपस्थित रहे। आरंभ में स्वागत विक्रम दुबे और मंच के सदस्यों ने किया।