नई दिल्ली। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) का शुभारंभ 6 साल पहले किया गया था और उनका प्रयास रहा है कि अधिकाधिक किसानों को इसका लाभ मिल सके।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के अन्तर्गत केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल (NCIP) के डिजिटाइज्ड क्लेम सेटलमेंट मॉड्यूल डिजीक्लेम का शुभारंभ किया।
इसके साथ ही अब दावों का वितरण इलेक्ट्रॉनिक रूप से किया जा सकेगा। इससे सीधा लाभ प्रारंभ में 6 राज्यों राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड व हरियाणा के किसानों को होगा।
जैसा कि राज्यों द्वारा पोर्टल पर उपज डेटा जारी किया जाता है तो दावा भुगतान की प्रक्रिया अब स्वचालित हो जाएगी। कृषि मंत्री ने शुभारंभ के दौरान ही बटन दबाकर एक साथ इन 6 राज्यों के बीमित किसानों को 1260.35 करोड़ रुपये के बीमा दावों का भुगतान किया।
फसल बीमा योजना की नई विधा –
कृषि मंत्री ने कहा कि डिजीक्लेम के साथ प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में नई विधा का शुभारंभ हुआ है, जिससे केंद्र-राज्य सरकारों को सुविधा के साथ ही किसानों को क्लेम भी मिल जाएं, इसकी सुनिश्चितता पारदर्शिता के हो सकेगी।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना भारत की बहुत बड़ी योजना है जो प्राकृतिक परिस्थितियों पर आधारित है। यह विगत 6 वर्षो से संचालित हो रही है। इस योजना के अंतर्गत बीमित किसानों को उनकी उपज के नुकसान की भरपाई के रूप में अभी तक 1.32 लाख करोड़ रु. का भुगतान किया गया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय सभी राज्य सरकारों, बीमा कंपनियों व किसानों के संपर्क में भी रहता है और समय-समय पर आने वाली कठिनाइयों का परिमार्जन किया जाता है।
ग्रिवांस पोर्टल –
छत्तीसगढ़ के लिए ग्रिवांस पोर्टल बनाया गया है, जिसका लाभ दिख रहा है। पोर्टल को पूरे देश के लिए उपयोग की कोशिश जारी है। अभी तक सामान्य तौर पर यह माना जाता था कि जो किसान ऋणी है, वहीं बीमित होता है लेकिन प्रसन्नता की बात है कि इस संबंध में जागरूकता तेजी से बढ़ रही है और गैर-ऋणी किसान भी फसल बीमा कराने हेतु प्रेरित हो रहे हैं। इसमें ‘मेरी पालिसी-मेरे हाथ’अभियान का भी बड़ा योगदान है।
किसान जागरुकता है लक्ष्य –
कृषि मंत्री ने कहा कि हम सबका लक्ष्य यहीं होना चाहिए कि किसान स्वयं जागरूक हो जाएं व हर किसान बीमित हो जिससे प्राकृतिक प्रकोप की स्थिति में उसे उचित सहायता और नुकसान की भरपाई मिल सकें।
कृषि क्षेत्र के समक्ष चुनौतियां तो है, लेकिन इनका समाधान करने में यह टेक्नालाजी विशेष सहायक है। आम किसानों तक मौसम की सटीक जानकारी मिले, इसके लिए टेक्नालाजी की मदद से कृषि मंत्रालय द्वारा प्रयास किया गया है।
बीमा कंपनियों, राज्य सरकारों एवं किसानों का समन्वय बढ़ने से जिसके अब अनेक राज्य प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जुड़ने के लिए निरंतर आगे आ रहे हैं।
कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी, उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही, केंद्रीय कृषि सचिव मनोज आहूजा, पीएमएफबीवाई के सीईओ रितेश चौहान सहित उ.प्र., राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड व हरियाणा के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बीमा कंपनियों व बैंकों के प्रतिनिधि भी कार्यक्रम में उपस्थित थे, वहीं सैकड़ों प्रतिनिधि वर्चुअली जुड़े।