‘मोदी’ को लेकर मानहानि के मामले में राहुल गांधी को दो साल की सज़ा


कर्नाटक की एक सभा में राहुल ने कहा था कि सभी चोरों के नाम मोदी ही क्यों होते हैं…


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बड़ी बात Updated On :

भोपाल। सूरत की एक जिला अदालत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मानहानि के एक मामले में दोषी पाते हुए दो साल की सजा सुनाई है।

यह मामला चार साल पुराना है जब कर्नाटक के कोलार की एक सभा में राहुल ने कहा था कि ‘सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है।’ इसे लेकर उन पर सूरत के ही एक विधायक पूर्णेश मोदी ने केस लगाया था। उन्होंने कहा कि  राहुल के इस बयान से उनके समाज का अपमान हुआ है और उनकी भावनाएं आहत हुई हैं। राहुल को आईपीसी की धारा 500 के तहत दोषी करार दिया गया है।

गुरुवार को राहुल कोर्ट में पेश हुए। जहां उन्हें कोर्ट ने दोषी पाया।  17 मार्च को कोर्ट ने सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद यह फैसला सुरक्षित रख लिया था।

मामले की सुनवाई के दौरान पूर्व में राहुल गांधी के वकील ने दलील दी थी कि याचिकाकर्ता पूर्णेश मोदी को इस मामले में पीड़ित पक्ष के रूप में शिकायतकर्ता नहीं होना चाहिए था, क्योंकि राहुल गांधी के अधिकांश भाषणों में प्रधान मंत्री को निशाना बनाया गया था, न कि याचिका दायर करने वाले पूर्णेश मोदी को। कोर्ट ने राहुल को दो साल की सजा सुनाई है और इसके बाद उनकी सांसद सदस्यता पर भी खतरे में है। हालांकि वे जल्दी ही इस मामले में हाईकोर्ट में अपील करेंगे।

राहुल के वकील ने कोर्ट से कहा कि इस पूरी घटना में कोई घायल नहीं हुआ। इससे किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है इसलिए हम किसी प्रकार की दया की याचना नहीं करते हैं।

सजा सुनाए जाने के बाद कांग्रेस पार्टी और तमाम विपक्ष के नेता राहुल के समर्थन में आए हैं उन्होंने इस फैसले को गलत बताया है। कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे ने कहा कि यह अडानी के मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए किया जा रहा है।

आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने कहा कि विपक्ष की आवाज को दबाना गलत है।

राहुल गांधी लगातार अडानी मामले में जांच की मांग कर रहे थे। पूरा विपक्ष उनके साथ जेपीसी की मांग कर रहा था।



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