भारत की प्रगति में नारी शक्ति महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। एक तरफ जहां पिछले 9 वर्षों में भारत महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास मार्ग पर आगे बढ़ रहा है, वहीं दुसरी ओर इसे वैश्विक मंच पर भी ले जा रहा है।
केन्द्रीय स्तर पर किए जा रहे इस प्रयास पर उत्तर प्रदेश की सरकार भी तेजी से अमल कर रही है। दरअसल, उत्तर प्रदेश की सरकार नारी शक्ति को सशक्त, आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने के साथ उन्हें सुरक्षित माहौल देने के लिए लगातार प्रयासरत है।
यूपी में महिलाएं एक ओर जहां यूपी सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर रोजगार के साथ स्वरोजगार से जुड़कर आत्मनिर्भर बन रही हैं, वहीं सुरक्षित माहौल देने के लिए उन्हें पुलिस बलों में भी अहम भूमिका दी जा रही है।
राज्य की सरकार महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तीकरण सुनिश्चित करने के लिए कई मोर्चों पर काम कर रही है। आइए जानते है यूपी सरकार द्वारा महिलाओं के विकास के संबंधित महत्वपूर्ण कदमों के बारे में…
मिशन शक्ति अभियान शुरू –
यूपी में महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण अभियान- मिशन शक्ति शुरू किया गया। इसके तहत प्रदेश के पुलिस बल में 20 प्रतिशत महिलाओं की नियुक्ति के लिए आरक्षित किया गया ताकि महिलाओं को सुरक्षा देने के साथ उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा सके।
साहसी महिलाओं के नाम पर प्रदेश में तीन पीएसी की महिला बटालियन स्थापित की जा रही है। इनका नाम रानी अवंतीबाई लोधी, ऊदा देवी और झलकारी बाई के नाम पर रखा जा रहा है।
भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्राणों की आहुति देने वाली वीर नारियों के नाम यह बटालियन बदायूं, लखनऊ और गोरखपुर में स्थापित की जा रही है। पीएसी की एक महिला बटालियन में 1262 पदों पर तैनाती की प्रक्रिया चल रही है।
बड़े काम की महिला हेल्प डेस्क –
थाने में आने वाली महिलाओं की समस्याओं को सुनने और त्वरित निस्तारण के लिए यूपी सरकार ने प्रदेश के 1583 थानों (जीआरपी सहित) में महिला बीट आरक्षी को नियुक्त करते हुए महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की।
इसके लिए विशेष तौर पर महिलाओं के लिए थाना परिसर में रिसेप्शन की स्थापना की गई ताकि वह महिला आरक्षी से बेझिझक होकर अपनी बात कह सकें। पीड़िता की समस्या का शत प्रतिशत निस्तारण हो और उन्हें भटकना न पड़े, इसके लिए टोकन की भी व्यवस्था की गई। इस टोकन में उनकी सारी जानकारी दर्ज होती है।
अब तक महिला हेल्प डेस्क के माध्यम से 10 लाख 20 हजार 462 शिकायतें मिली हैं। इसमें से नौ लाख 10 हजार 362 शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है। इसी प्रकार, हेल्प डेस्क के माध्यम से आरोपितों के खिलाफ कुल एक लाख 16 हजार 208 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं।
अपराधों में आई कमी –
उत्तर प्रदेश में 10,417 महिला पुलिस बीट का गठन किया गया है। इन नवगठित बीटों में 15 हजार 130 से अधिक महिला बीट पुलिस कर्मियों की नियुक्ति की गई है।
महिला बीट अधिकारी गांव में महिलाओं से संवाद स्थापित कर अपराध एवं अपराधियों पर लगाम लगाने में अहम भूमिका निभा रही हैं। इतना ही नहीं, वह योगी सरकार की ओर से महिला कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं एवं कार्यक्रम के संबंध में महिलाओं को जागरूक भी कर रही हैं।
प्रदेशभर में महिला संबंधी अपराधों को रोकने के लिए शक्ति मोबाइल का गठन किया गया, जो पीड़ित परिवार की काउंसिलिंग के साथ अपराधियों के खिलाफ विधिक कार्रवाई कर रही हैं।
कारगर है एंटी रोमियो स्क्वॉड –
ऑनलाइन महिला अपराधों पर नकेल कसने के लिए साइबर पुलिस स्टेशन में महिला साइबर सेल का गठन किया गया। इसके जरिए महिला साइबर सेल, इंटरनेट, अन्य सोशल मीडिया ऐप पर साइबर स्टॉकिंग एवं साइबर बुलिंग शिकायतों पर त्वरित व प्रभावी कार्रवाई की जा रही है।
जिलों की दूरस्थ तहसीलों में 79 महिला रिपोर्टिंग पुलिस चौकी परामर्श केंद्र एवं महिला थाने का गठन किया गया। इन चौकियों और थानों में महिला संबंधी अपराध, घरेलू हिंसा के मामले में महिलाएं शिकायत दर्ज करा रही हैं।
इन केंद्रों पर महिलाओं की शिकायतों, दहेज उत्पीड़न, घरेलू हिंसा और तीन तलाक जैसे प्रकरणों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण हो रहा है। महिलाओं की बेहतर सुरक्षा के लिए प्रदेश में 3195 से अधिक एंटी रोमियो स्क्वॉड गठित किए गए।
इनके द्वारा दो करोड़ 20 लाख 17 लाख 197 लोगों की चेकिंग की गई। इस दौरान 88 लाख 25 हजार 966 व्यक्तियों को चेतावनी दी गई, जबकि 25,127 व्यक्तियों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की गई।