वन इंडिया वन इमरजेंसी नंबर: 112 अब मुश्किल वक्त में पहुंचाएगा आप तक मदद


‘इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम’ परियोजना के तहत एक इमरजेंसी नंबर 112 के जरिए आपातकालीन परिस्थितियों में मदद मांगे जाने पर सरकार मदद मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध होगी।


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emergency call 112

नई दिल्ली। भारत सरकार ने ‘एक देश एक इमरजेंसी नंबर’ योजना के तहत ‘इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम (ERSS)’ नामक एक परियोजना लागू की है।

इसके तहत डायल नंबर 100 (पुलिस), 101 (आग) और 108 (हेल्थ) इत्यादि सेवाओं को आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ERSS) के तहत 112 कॉमन नंबर से जोड़ दिया गया है।

अब आपको इन सभी नंबरों को याद रखने की आवश्यकता नहीं होगी बल्कि अब ये सारी सुविधाएं केवल 112 नंबर डायल करने से ही मिल जाएंगी। सरकार ने यह सेवा ‘एक भारत, एक आपातकालीन नंबर-112’ की थीम पर शुरू की है। इसकी थीम से ही इसके मायने समझ में आ जाते हैं।

‘इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम’ परियोजना के तहत एक इमरजेंसी नंबर 112 के जरिए आपातकालीन परिस्थितियों में मदद मांगे जाने पर सरकार मदद मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध होगी।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त संख्या के रूप में विभिन्न आपात स्थितियों में मिलेगी मदद –

बताना चाहेंगे, केंद्र सरकार ने इमरजेंसी नंबर 112 को अखिल भारतीय, एकल, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त संख्या के रूप में विभिन्न आपात स्थितियों जैसे कि पुलिस, अग्निशमन, एम्बुलेंस इत्यादि के लिए अधिसूचित किया है, जिसमें कॉल, SMS, ई-मेल, पैनिक बटन और 112 इंडिया मोबाइल एप के माध्यम से सुलभ फील्ड संसाधनों का कंप्यूटर-समर्थित प्रेषण है।

सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू की गई सेवा –

केवल इतना ही नहीं, केंद्र सरकार द्वारा यह आपातकालीन सेवा अब सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चालू कर दी गई है। इससे पहले इमरजेंसी सेवाओं के लिए 20 से अधिक इमरजेंसी नंबर होते थे।

नई प्रणाली के लागू हो जाने के बाद से लोगों को तमाम परेशानियों से निजात मिली है। दरअसल, पहले की व्यवस्था में कई बार कुछ नंबरों के बिजी होने के कारण फोन मिल पाना संभव नहीं हो पाता था। ऐसे में अब लोगों को इन समस्याओं से भी निजात मिलेगी।

जानें कौन सी सेवाएं हैं शामिल –

नई सेवा इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम (ERSS) के तहत 112 नंबर डायल करने पर लोगों को तुरंत आपातकालीन सहायता सेवा उपलब्ध करवाई जाएगी। इससे पहले 100 नंबर या 101 नंबर पर कॉल किए जाने पर ये कॉल पुलिस कंट्रोल रूम में रिकॉर्ड किए जाते थे।

24 घंटे व सातों दिन की जा सकेगी कॉल –

फिर इस संदेश को वायरलेस सिस्टम के माध्यम से संबंधित पुलिस पोस्ट या पुलिस वाहन को स्थानांतरित कर दिए जाते थे, लेकिन अब, इस नई व्यवस्था के तहत जैसे ही कोई व्यक्ति 112 नंबर डायल करता है तो कॉल को तुरंत संबंधित विभाग को ट्रांसफर कर दिया जाएगा और इस पर तुरंत कार्रवाई शुरू होगी यानी बिना देरी के अब लोगों को राहत मिलेगी।

इस नंबर से अग्निशमन ब्रिगेड, मेडिकल टीम या पुलिस से तत्काल सहायता प्राप्त करने के लिए भारत के सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में 24 घंटे व सातों दिन कॉल की जा सकती है।

112 की क्यों पड़ी आवश्यकता –

ज्ञात हो, अधिकांश निर्मित फोन हैंडसेट 112 संख्या के साथ प्री-प्रोग्राम यानि पहले से संयोजित होते हैं क्योंकि आपातकालीन संख्या एकल कुंजी दबाने के साथ डायल की जाती है।

TRAI ने मई 2015 में भारत में एक आपातकालीन संख्या के उद्देश्य के लिए इस नंबर को आवंटित किया था। 112 एक विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त एकल आपातकालीन संख्या है।

इस आपातकालीन नंबर का कब करें उपयोग –

जब आप को अचानक अग्निशामक, एक एम्बुलेंस या पुलिस की आवश्यकता होती है तो आप 112 या 100 पर कॉल कर सकते हैं। यदि कोई तात्कालिकता नहीं है, तो आप स्थानीय अग्निशामक, प्राथमिक चिकित्सालय या स्थानीय पुलिस थाने को भी सूचित कर सकते हैं।

राष्ट्र सुरक्षा में आप भी निभा सकते हैं अपनी भूमिका –

इस सेवा से जुड़ी एक जानकारी यह भी है कि गृह मंत्रालय (MHA) ने MyGov के सहयोग से राष्ट्र की सुरक्षा में शामिल होने और रील मेकिंग प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए राष्ट्र के क्रिएटिव माइंड्स से आह्वान किया है।

ऐसे में आप भी राष्ट्र की सुरक्षा में अपनी भागीदारी अपने आइडिया के साथ शेयर कर सकते हैं। इसके तहत MP4, MOV प्रारूप में रीलों / लघु वीडियो के रूप में रचनात्मक विचारों को शेयर करने के लिए कहा गया है।

यह प्रतियोगिता सभी नागरिकों के लिए ओपन रखी गई है। रील मेंकिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लेने की अंतिम तिथि 08 अप्रैल 2023 चुनी गई है। यह प्रतियोगिता 8 मार्च से शुरू की गई है।

आइए अब जान लेते हैं इस प्रतियोगिता में शामिल होने के तकनीकी मापदंड –

  1. रील की लंबाई 45 सेकंड से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  2. MyGov पर अटैचमेंट का आकार 2MB से अधिक नहीं होना चाहिए।
  3. कंप्यूटर-जनित या कंप्यूटर-बदले हुए/मॉर्फ किए गए वीडियो (बेसिक सिस्टम वर्क के अलावा) को अयोग्य घोषित किया जाएगा।
  4. रीलों के लिए उपयोग किए जाने वाले हैशटैग #ReelingwithDial112 होने चाहिए।
  5. प्रतिभागियों को www.mygov.in पर दिए गए विवरण बॉक्स में रीलों का लिंक साझा करना आवश्यक है।
  6. इसके अलावा, प्रतिभागियों को अपने सोशल मीडिया खातों पर हैशटैग #relingwithdial112 के साथ रीलों को साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

पुरस्कार –

1. प्रथम विजेता के लिए नकद पुरस्कार: 3,000/-रुपये।
2. दूसरे विजेता के लिए नकद पुरस्कार: 2,000/-रुपये।
3. तीसरे विजेता के लिए नकद पुरस्कार: 1,000/-रुपये।
4. डायल 112 के अखिल भारतीय प्रचार में किसी भी प्रस्तुत प्रविष्टि का उपयोग किया जा सकता है।



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