नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान (निक्षय मित्र पहल) के तहत अब तक 9.55 लाख टीबी के मरीजों को गोद लिया है।
केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि 9 मार्च 2023 तक के आंकड़ों के अनुसार देश भर के 9.69 लाख टीबी रोगियों में से 9.55 लाख को निक्षय मित्र द्वारा गोद लिया गया है।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि जहां टीबी से मुक्ति का लक्ष्य 2030 है, वहीं भारत ने इसे हासिल करने का लक्ष्य 2025 निर्धारित किया है।
2025 तक टीबी मुक्त भारत –
संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों के अनुसार सभी देशों ने 2030 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य तय किया है, लेकिन भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा है और इस संकल्प को पूरा करने के लिए प्रत्येक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।
केंद्र सरकार टीबी मुक्त भारत अभियान (PMTBMBA) के तहत सामुदायिक जुड़ाव पर विशेष जोर दे रही है साथ ही नैदानिक सहायता के लिए रोगियों को “निक्षय मित्र” पहल के तहत गोद लेने के लिए निरंतर प्रोत्साहित कर रही है।
जनभागीदारी जरूरी –
केंद्र सरकार प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है और इस अभियान को जन-आंदोलन बनाने की पुरजोर कोशिशों में जुटी हुई है क्योंकि टीबी हमारे देश में अन्य सभी संक्रामक बीमारियों से सबसे अधिक मृत्यु का कारण है।
भारत की आबादी विश्व की आबादी से 20 प्रतिशत से थोड़ा कम है लेकिन विश्व के कुल टीबी मरीजों का 25 प्रतिशत से अधिक है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार दुनिया में सबसे ज्यादा टीबी के मरीज भारत में ही है।
ऐसे में नागरिकों की युद्ध स्तर पर जनभागीदारी की भावना से टीबी उन्मूलन की दिशा में सामूहिक रूप से काम कर इस बीमारी पर जल्द विजय पाई जा सकती है और भारत को 2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाने के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।
सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी का इलाज नि:शुल्क –
बता दें, सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर इसका इलाज नि:शुल्क उपलब्ध है। केवल इतना ही नहीं भारत में टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए वैक्सीन पर भी कार्य किया जा रहा है।
यदि टीबी को समाप्त करने के लिए भारतीय वैक्सीन कामयाब होती है तो संभवत: भारत को टीबी की बीमारी से मुक्ति मिल जाएगी।
केंद्र सरकार के प्रयास –
केंद्र सरकार राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में दवा प्रतिरोधी टीबी सहित टीबी रोगियों को मुफ्त दवाओं और निदान का प्रावधान, स्क्रीनिंग और उपचार सेवाओं को विकेंद्रीकृत करने के लिए स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ-साथ कई उपाय कर रही है।
इसके अलावा टीबी उन्मूलन के लिए वैश्विक स्तर पर भी प्रयास किए जा रहे है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ग्लोबल फंड और स्टॉप टीबी पार्टनरशिप के साथ एक “Find. Treat. All. #EndTB” संयुक्त पहल शुरू की है।