नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी मूल्यांकन (ISHTA) पर दूसरी अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित किया। इस दौरान अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति ने प्रौद्योगिकी को अच्छे स्वास्थ्य और खुशी के लिए गेम चेंजर बताया। इसके अलावा उन्होंने कहा कि भारत का कोविड-19 से निपटने का तरीका दुनिया के लिए एक उदाहरण है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने संबोधन में आयुष्मान भारत योजना की ‘दुनिया का सबसे बड़ी, अत्यधिक पारदर्शी और प्रभावशाली तंत्र’ के रूप में सराहना की, जिसने ‘आर्थिक रूप से कमजोर’ लोगों के जीवन को आसान बनाने वाले स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे और संस्थानों के निर्माण को सक्षम बनाया है।
इस योजना से देश के 1.4 बिलियन लोगों को प्रभावी ढंग से लाभ हो रहा है। आयुष्मान भारत के कारण देश में पैरामेडिकल सेंटर, डायग्नोस्टिक सेंटर, मेडिकल कॉलेजों, नर्सिंग कॉलेजों का विकास हुआ है।
भारत बना दुनिया के लिए एक उदाहरण –
कोविड महामारी के दौरान भारत के सफल संचालन को रेखांकित करते हुए उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि जनता कर्फ्यू एक नवाचारी और कल्पनाशील विचार था जिसे बहुत सफलता के साथ लागू किया गया था।
कोरोना काल में देश की इतनी बड़ी आबादी को टीका पहुंचाने के लिए अपने डिजिटल संसाधनों का उपयोग किया गया। भारत ने वैक्सीन मैत्री के माध्यम से अन्य देशों की भी सहायता की।
यह भारत के ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के सदियों पुराने लोकाचार की भावना को दर्शाता है, जो दुनिया को एक परिवार के रूप में देखती है।
देश में 1.5 लाख हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोले गए –
उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज पूरे देश में 1.5 लाख से अधिक स्वास्थ्य और वेलनेस सेंटर स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के अंतर्गत 33.8 करोड़ से अधिक आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत 50 करोड़ लाभार्थी बनाए गए हैं।
1.5 lakh Health and Wellness Centres have come up in the country. This is generating huge opportunities for entrepreneurs, for skilled human force and also proving to be a game changer for economic growth. @MoHFW_INDIA pic.twitter.com/s0OyGMne3Z
— Vice President of India (@VPIndia) March 10, 2023
देश भर में 9,000 से अधिक जन औषधि केंद्र –
उन्होंने कहा कि जेनेरिक दवाओं तक पहुंच बढ़ाने के लिए देश भर में नौ हजार से अधिक जन-औषधि केंद्रों खोले गए हैं। सामान्य व्यक्ति के लिए दवा का सामर्थ्य महत्वपूर्ण परिणाम है। आज कैंसर रोधी दवाओं के मूल्य नियंत्रित किए जाने के कारण कैंसर रोगियों को प्रति वर्ष 200 करोड़ रुपये की बचत हो रही है।
Affordability of medicine for an ordinary man is of critical consequence. This has been done through over 9000 Jan Aushadhi Kendras setup across the country to enhance access to generic medicines. pic.twitter.com/ZrL0tDhpdS
— Vice President of India (@VPIndia) March 10, 2023
टेक्नोलॉजी गेम चेंजर है –
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने टेक्नोलॉजी को गेम चेंजर बताते हुए कहा कि टेक्नोलॉजी वास्तव में अच्छे स्वास्थ्य और खुशी की दिशा में एक गेम चेंजर है। भारत ने दुनिया में एक उदाहरण पेश किया है जहां लोगों को कुशल सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है।
भारत में स्वास्थ्य क्षेत्र में अभूतपूर्व क्रांति हुई है। आज राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा ई-संजीवनी के माध्यम से अब तक 8 करोड़ से अधिक ई-टेलीपरामर्श दिए जा चुके हैं।
India is an example in the world where we have used technology for making available efficient services to the people. pic.twitter.com/JYMwGkBLsw
— Vice President of India (@VPIndia) March 10, 2023
उपराष्ट्रपति ने सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल की ‘उपलब्धता, सामर्थ्य और पहुंच’ सुनिश्चित करने के ISHTA के उद्देश्य की सराहना की।
ISHTA-2023 का आयोजन स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और वैश्विक विकास केंद्र के सहयोग से किया गया था।