राज भवन का घेराव करेगी कांग्रेस, कमलनाथ ने किया कार्यकर्ताओं से सोई सरकार को जगाने का आह्वान


पार्टी को एक लाख कार्यकर्ताओं के पहुंचने की उम्मीद


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राजनीति Updated On :
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भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस इन दिनों खासी आक्रामक नजर आ रही है। विधानसभा में इस आक्रामकता के लिए कांग्रेस के नेता जीतू पटवारी का निलंबन कर दिया गया और अब इसके बाद कांग्रेस अब राजभवन का घेराव करने जा रही है। इसके लिए 13 मार्च की तारीख तय की गई है और विरोध प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए कांग्रेस के सभी नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है। कांग्रेस के बड़े नेता भी इसके लिए खासे तैयार हैं। पार्टी की कोशिश है कि इस प्रदर्शन में करीब एक लाख से अधिक कार्यकर्ता पहुंचें। कमलनाथ खुद भी इसके लिए कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को न्यौता दे रहे हैं।

कांग्रेस ने इस विरोध प्रदर्शन को राजभवन का घेराव नाम दिया है। 13 मार्च को कांग्रेसी जवाहर चौक पर जुटेंगे और यहां से राजभवन के घेराव के लिए निकलेंगे। पार्टी के मुताबिक उनका यह विरोध प्रदर्शन भाजपा सरकार की नीतियों के खिलाफ है। इसके अलावा अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी, महिलाओं और दूसरे वर्गों पर हो रहे अपराधों और अत्याचारों के खिलाफ है। इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा उद्योगपति अडानी को दिए गए सहयोग के कारण उपजे क्रोनी कैपिटलिज़्म और इसके चलते बन रहे आर्थिक संकट के माहौल के विरोध में है।

इससे पहले विधायक और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने भी इस कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी और कांग्रेसियों को इस कार्यक्रम में पहुंचने के लिए कहा। उन्होंने प्रदेश सरकार की नीतियों की आलोचना की और कहा कि प्रदेश में किसानों की स्थिति खराब है और किसानों को उनकी फसल के दाम भी नहीं मिल रही है। पटवारी ने कहा कि किसानो को तीन हजार रुपये क्विंटल का दाम मिलनी चाहिए लेकिन नहीं मिल रही है।

पटवारी ने कहा कि यह विरोध प्रदर्शन अहिंसा और शांति के साथ होगा। उन्होंने कहा है कि सरकार इस प्रदर्शन को रोकने के लिए कोशिश करेगी लेकिन हमें डरना नहीं है। कांग्रेस का यह प्रदर्शन भाजपा के लिए परेशान करने वाला हो सकता है क्योंकि इस समय प्रदेश की भाजपा सरकार बेरोजगारों, किसानों और कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शन से लगातार बैकफुट पर है। ऐसे में कांग्रेस का यह प्रदर्शन इन सभी को हवा देने वाला साबित होगा।



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