इंदौर। पुरानी पेंशन योजना की मांग को लेकर कर्मचारी लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। कर्मचारियों ने बताया कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 1998 से लेकर जुलाई 2018 तक के अध्यापकों की नवीन नियुक्ति कर वरिष्ठता शून्य कर दी जिससे सभी शिक्षक नाराज हैं क्योंकि इस कदम से उन्हें एक तरह से पुरानी पेंशन, क्रमोन्नति पदोन्नति एवं ग्रेच्युटि जैसी न्यायिक आर्थिक लाभों से वंचित कर दिया गया है। सरकार के इस कदम के विरोध में शिक्षक संवर्ग एवं पेंशन विहीन कर्मचारियों प्रदर्शन किया और कलेक्टर कार्यालय तक रैली निकाली। शिक्षकों ने मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा जिसमें उनकी वरिष्ठता बहाल करने की मांग की गई। यहां शिक्षकों के अलावा कर्मचारी भी शामिल हुए और सभी ने एक स्वर में “वोट फ़ॉर ओपीएस” का नारा लगाया।
इंदौर में अध्यापक अधिकार संघ के प्रदेश अध्यक्ष भारत भार्गव, एनएमओपीएस के सम्भागीय प्रभारी जिम्मी सक्सेना, अपाक्स के संभागीय अध्यक्ष सुरेश यादव ने सामुहिक रुप से इसे कर्मचारियों को कमजोर करने वाला कदम बताया। इन कर्मचारियों ने कहा कि इस तरह कर्मचारियों का मनोबल गिर रहा है और वे असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। इन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में 1998 से कार्यरत अध्यापकों की वरिष्ठता खत्म कर उन्हें कई तरह के लाभों से वंचित कर दिया गया है। इसके चलते प्रदेश का 2 लाख 36 हजार अध्यापक अत्यंत दुखी और सरकार से नाराज़ हैं।
इस मौके पर वरिष्ठता बहाल कर पुरानी पेंशन, क्रमोन्नति पदोन्नति सहित समस्त लाभों को लागू किये जाने की मांग का ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार धीरेंद्र पाराशर को सौपा। इस रैली में अध्यापक अधिकार संघ के प्रदेश अध्यक्ष भारत भार्गव ,आज़ाद अध्यापक संघ की प्रदेश अध्यक्ष शिल्पी शिवान, एन एम ओ पीएस के संभागीय प्रभारी जिम्मी सक्सेना,अपाक्स के संभागीय अध्यक्ष सुरेश यादव, मानसिंह शिवहरे, भगवत सिंह दरबार ,बलजीत सिंह परमार, संविदा शिक्षक संघ हिमांशु तिवारी,अजय जैन, शीतल टॉक, रश्मि श्रीवास्तव, हरिसिंह सिसोदिया,अनुराग तिवारी, गोरधन बोरवाल,जीवन मंडलोई,माखन मंडलोई, जहिररूद्दीन कुरेशी,वाहिद ,परवेज अंसारी,गोरधन हिरवैय्या, तपन जिंदल,अवधेश तिवारी, रवि प्रजापत,राजेश्वरी वर्मा,सुरेशचंद्र शर्मा,दिनेश बारचे,नीलम जैन,संजय जैन,राजेश शिंदे,राकेश चौधरी, नरोत्तम सोनगरा,सुभाष परमार आदि शामिल रहे।