इंदौर। दीपावली का उल्लास देशभर में दिखाई दे रहा है। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में धनतेरस के बाद से दीपावली के दिन तक ज़ोरदार खरीदारी हो रही है। आर्थिक संकट की आशंका के बीच बाज़ार के इस रुख़ से व्यापारियों के साथ-साथ प्रदेश सरकार भी खुश है।
देशभर की बात करें तो धनतेरस पर बीस हज़ार करोड़ रुपये का कुल ज्वैलरी कारोबार हुआ है। यह बीते साल के सोने के दाम के मुकाबले 33 फीसदी अधिक है। जानकारों के मुताबिक यह बाज़ार के लिए शुभ संकेत हैं।
अख़बारी खबरों की मानें तो दैनिक भास्कर के पहले पेज पर पत्रकार संजय गुप्ता की रिपोर्ट कहती है कि इंदौर में करीब पांच टन सोना इंदौर पहुंचा है। इसकी कीमत करीब ढ़ाई हज़ार करोड़ रुपये बताई जाती है। ख़बर के मुताबिक ज्वेलर्स ने करीब तीन टन सोना बैंकों से मंगवाया है और दो टन ज्वैलरी देश-विदेश के दूसरे बाज़ारों से आई है। ख़बर में यह जानकारी भी दी गई है कि इंदौर में ही सालाना करीब दस टन सोने का सालाना ज्वेलरी मार्केट है।
वहीं नईदुनिया की खबर के मुताबिक रुपचौदस के दिन ही इंदौर में करीब चार सौ करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है। अख़बार की रिपोर्ट में बाज़ार का यह अनुमान अलग-अलग सेक्टर में हुई खरीद के बाद लगाया गया है। चार सौ करोड़ के इस आंकड़े में सबसे बड़ा हिस्सा इलेक्ट्रॉनिक सामान का है। बताया जाता है कि शुक्रवार को इंदौर में करीब सौ करोड़ रुपये के इलेक्ट्रॉनिक्स बिके हैं। इसके अलावा सोने-चांदी के गहनों की बिक्री करीब 20-22 करोड़ रुपयों की हुई है। इसके अलावा करीब तीन सौ कारें और पांच सौ दो पहिया वाहन भी बिके हैं।
इंदौर शहर में नए वाहनों की खरीदी का अंदाजा लगाने वाला एक स्थान और है। खजराना गणेश मंदिर में धनतेरह और रूप चौदस के दिनों में 833 दो पहिया और 412 चार पहिया वाहन पूजन के लिए पहुंचे हैं। शहर की परंपरा रही है कि नए वाहन लेने के बाद उनका पहला गंतव्य खजराना गणेश मंदिर ही होता है। हालांकि यह संख्या बीते सालों के मुकाबले कुछ कम कही जा सकती है लेकिन बहुत कम नहीं।
(ख़बर में ली गई तथ्यात्मक जानकारी इंदौर शहर के प्रमुख अख़बारों से जुटाई गई है)