भोपाल। पत्रकारिता में शैक्षणिक योग्यता निर्धारित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए वरिष्ठ पत्रकारों और मीडिया शिक्षकों ने कहा है कि इस पेशे में आने वालों के लिए डिग्री या डिप्लोमा आवश्यक होना चाहिए। साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर एक पात्रता परीक्षा भी आयोजित होनी चाहिए।
ये सुझाव मंगलवार को यहां माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में भारतीय प्रेस परिषद की उप समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक में दिए गए।
इसमें उपसमिति के संयोजक प्रो. जेएस राजपूत, प्रकाश दुबे, श्याम सिंह पवार एवं डॉ. सुमन गुप्ता ने सभी सुझाव ध्यान से सुने और कहा कि भोपाल बैठक में उन्हें कई नए और महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त हुए हैं।
उपसमिति का स्वागत करते हुए माखनलाल विवि के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि पत्रकारिता के लिए पत्रकारिता की पढ़ाई और डिग्री बहुत जरूरी है। जिस तरह डॉक्टर एवं इंजीनियर के लिए उस विषय में योग्यता का पैमाना होता है, परीक्षा होती है, उसी तरह पत्रकारिता के लिए भी होना चाहिए।
उप समिति के सामने पत्रकारों, प्रोफेसर्स, विद्यार्थियों ने अपने विचार रखे। ज्यादातर लोगों का कहना था कि पत्रकारिता के क्षेत्र में आने वाले व्यक्ति के पास पत्रकारिता की डिग्री, डिप्लोमा या प्रमाण पत्र होना आवश्यक है।
इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के पत्रकारों के लिए 12वीं में पत्रकारिता के डिप्लोमा का सुझाव भी आया। इसके अलावा अन्य सुझावों में पत्रकारों को प्रशिक्षण, हाईस्कूल, हायर सेकेंडरी एवं कॉलेज में भी पत्रकारिता की पढ़ाई को पाठ्यक्रम में शामिल करने, यूपीएससी में पत्रकारिता को शामिल किये जाने, डिग्री वाले लोगों को ही आरएनआई से अखबार का रजिस्ट्रेशन देने और अधिमान्यता के लिए पत्रकारिता की डिग्री को जरूरी बनाने जैसे सुझाव भी दिए गए।