धार। मध्यप्रदेश के कई जिलों में पुलिसकर्मियों के आवासों को निशाना बनाकर चोरी की वारदात करने वाली एक गैंग को धार सायबर क्राइम पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने मामले में एक इनामी बदमाश सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है वहीं कुछ अन्य आरोपी अभी फरार हैं। जिनकी तलाश जारी है। पुलिस ने आरोपियों से लाखों रुपए के चोरी के सामान के सहित वारदात में उपयोग की जाने वाली सामग्री भी जब्त की है। आरोपी चोरी किए गए आभूषणों को बिचोलियों के माध्यम से क्षेत्र के साहूकारों को बेच देते थे। पुलिस ने मामले में सहूकार को भी आरोपी बनाया है। सोमवार को धार एसपी आदित्यत प्रताप सिंह ने पूरे मामले का पर्दाफाश किया है।
इस मामले को लेकर हुई प्रेस वर्ता में जानकारी देते एसपी आदित्यप्रताप सिंह दरअसल पिछले करीब दो महीनों से मध्यप्रदेश के खंडवा, खरगोन, होशंगाबाद, हरदा, देवास जिले के पुलिस लाईनों के पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों के निवास पर बने शासकीय आवासो में ताला तोडकर चोरी करने की लगातार वारदातें हो रहीं थी।
अज्ञात गिरोह गैंग द्वारा लगातार सुनियोजित तरीके से सिर्फ पुलिस लाईन में बने शासकीय आवासों को टारगेट किया जा रहा था। धार पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह द्वारा घटना धार जिलें में भी होने की संभावना को देखते हुए उक्त सक्रिय गिरोह गैंग के आरोपियों की गिरफ्तारी करने के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र पाटीदार के निर्देशन में पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया गया था।
इसी बीच सायबर प्रभारी निलेश्वरी डाबर व क्राइम निरीक्षक दिनेश शर्मा को मुखबिर से सूचना मिली कि टांडा क्षेत्र रहने वाले पानसिंह भील व अंबाराम भूरिया इन दिनों अपने झाबुआ के एक अन्य साथी के साथ मिलकर चोरी का सोना, चांदी के जेवर लाने ले और ले जाने खरीदने और बेचने के काम कर रहा है। खबर मिली कि यह गिरोह अलीराजपुर में एक बड़े सुनार के संपर्क में भी था। साइबर क्राइम के टीआई दिनेश शर्मा को अपनी जुटाई इस जानकारी के आधार पर अंदाज़ा था कि संभवतः जिलों की पुलिस लाईनों में हो रही चोरियां इसी के द्वारा ही की जा रही हैं।
इसके बाद 29 जनवरी को पुलिस को सूचना मिली कि तीनों आरोपी गंगवाल बस स्टेण्ड इन्दौर से छाबड़ा बस पकड़कर टांडा, बाग कुक्षी की तरफ जाने वाले है। निरीक्षक दिनेश शर्मा द्वारा गंगवाल बस स्टेण्ड से उसी बस में बैठकर सायबर क्राईम ब्रांच टीम को सूचित किया। सायबर क्राईम ब्रांच टीम द्वारा इन्दौर-अहमदाबाद फोरलेन पर धार तिरला के बीच नाकाबंदी की।
खबर के अनुसार यहां छाबड़ा बस आने पर उसे रोका गया तथा जानकारी के आधार पर बस से 3 संदेही व्यक्तियों को उनके सामान सहित पूछताछ के लिए उतारा गया। इनके नाम नाम पान सिंह पिता अमरू उर्फ अमरिया अलावा, निवासी टांडा, दीपेश उर्फ दीपेंन्द्र पिता नानसिंह निवासी आलीराजपुर और अम्बून उर्फ अंबाराम भूरिया निवासी टांडा बताया हैं।
पुलिस ने अम्बु उर्फ अंबाराम के पास रखी सफेद थैली की तलाशी ली जिसमें नीले प्लास्टिक के हत्थे का पेचकस, नीले प्लास्टिक के हत्थे का कटर, एक लोहे की टामी, टार्च, हाथ के दस्ताने तथा एक पीले रंग की पॉलीथीन में चांदी के कई जेवर मिले। दूसरे संदेही व्यक्ति दीपेश की तलाशी में क्रीम गोठी ज्वेलर्स लिखे पाउच में सोने के जेवरात एवं संदेही पानसिंह की तलाशी लेते वजन तौलने की छोटी मशीन मिली।
संदेहियों के पास मिले सोने चांदी के आभूषण की पूछताछ करते घबराकर अलग-अलग बयान दे रहे थे । सख्ती से पूछताछ करने पर उन्होंने उक्त सोना-चांदी के आभूषण व नगदी हरदा पुलिस लाईन व देवास पुलिस लाईन से चोरी करना कबूला और पुलिस को बताया कि बिचोलिए रमेश चौहान के माध्यम से चोरी किए आभूषण साहूकार गौरव जैन को बेच देते थे। इसके आधार पर पुलिस ने रमेश को भी गिरफ्तार किया है।
चोरी के आभूषण खरीदने वाला गौरव जैन अभी फरार है। गौरव जैन पर पूर्व में चोरी और डकैती के आभूषण खरीदने के केस दर्ज है। सायबर क्राइम टीआई दिनेश शर्मा द्वारा इन जेवरातों को जप्त कर तिरला थाना लाया गया एवं तीनों आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
सायबर क्राइम ने रमेश चौहान की गिरफ्तारी कर उसका रिकॉर्ड चैक किया। जिसमें जानकारी मिली कि रमेश चौहान पर चोरी का माल खरीदने- बेचने और अवैध शराब की तस्करी सहित महराष्ट्र और तेलागंना में 100 से अधिक अपराध दर्ज हैं। इसी तरह दीपेंद्र नाम का आरोपी भी कई अपराधों में संलिप्त पाया गया।
इन आरोपियों की गिरफ्तारी में इंस्पेक्टर दिनेश शर्मा, भेरूसिंह देवड़ा, रामसिंह गौर, गुलसिंह अलावा, राजेश चौहान, बलराम भंवर, सर्वेश सोलंकी, प्रशांत सिंह चौहान, शुभम शर्मा, राहुल जायसवाल, संग्रामसिंह लोधी, प्रदीप भूरिया की महत्वपूर्ण भूमिका रही।