धार कलेक्टर की मानवीय पहल: बुजुर्ग को अपनी कार से घर छोड़ा और मदद का दिया भरोसा

आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :
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धार। मध्यप्रदेश के धार जिले में कलेक्टर की जनसुनवाई के दौरान जिला कलेक्टर प्रियंक मिश्रा का मानवीय चेहरा और उनकी सराहनीय पहल देखने को मिली।

हर मंगलवार की तरह जिला पंचायत सभागृह में जनसुनवाई का आयोजन किया गया था। इसी जनसुनवाई में बैसाखी के सहारे 88 वर्षीय गोपाल राव दुबे एक पीड़ित वृद्धा की मदद के लिए आवेदन लेकर पहुंचे थे।

यहां पर उन्होंने प्रशासन को सारी जानकारी दी और इस बीच दुबे ने अपना परिचय देते हुए बताया कि वह नगर सुरक्षा समिति के जनक रहे हैं। उन्होंने प्रदेश में बेहतर पुलिसिंग व लोगों का सीधा जुड़ाव करने में मददगार पहल भी की है।

इन दिनों गोपाल राव दुबे इन दिनों आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं, लेकिन फिर भी प्रशासन और लोगों की मदद करने का जज्बा उनमें अभी भी बरकरार है, इसलिए अभी भी वे लोगों की मदद के लिए सक्रिय रहते हैं।

यह जानकारी मिलने के बाद कलेक्टर प्रियंक मिश्रा का एक मानवीय चेहरा देखने को मिला और उन्होंने बुजुर्ग गोपाल दुबे को घर छोड़ने के लिए अपनी कार में बिठाया और अपने साथ में ले गए।

दुबे के घर पहुंच कर उन्होंने उनकी बात सुनी और साथ ही परिजनों से भी चर्चा की। परिजनों ने सहायता के तौर पर रोजगार के साधन उपलब्ध करवाने की बात कलेक्टर प्रियंक मिश्रा के समक्ष रखी। कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने बुजुर्ग गोपाल राव दुबे की हर संभव मदद करने का आश्वासन भी दिया।

1955 में की थी नगर सुरक्षा समिति की स्थापना –

गोपाल राव दुबे आजादी के पहले से आंदोलनों में सक्रिय रहे हैं। दुबे बताते हैं कि उन्होंने गांधी जी के साथ आंदोलन में भाग लिया है। साथ ही धार के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे कन्हैयालाल खादीवाल दादा के साथ उन्होंने काम किया है।

आजादी के बाद वर्ष 1955 में उन्होंने नगर सुरक्षा समिति की स्थापना की थी। यह मॉडल पूरे प्रदेश में लागू हुआ और आज तक पुलिस के साथ सहयोगी के रूप में काम कर रहा है।



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