भोपाल। आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग, जातिगत आरक्षण की पुन: समीक्षा और एट्रोसिटी एक्ट के विरोध और अपनी 21 सूत्रीय मांगों को लेकर जंबूरी मैदान पर राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने एक बड़ा प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में करीब तीन लाख लोग जुटे। यहां युवाओं के मुद्दों को भी उठाया गया और शिक्षक भर्ती वर्ग तीन में 51000 पद की बढ़ोत्तरी की मांग की गई। यह मांग काफी पहले से वर्ग तीन के परीक्षा पास कर चुके अभ्यर्थी करते आ रहे हैं। राजपूतों के इस महासम्मेलन में इन बेरोजगार नौजवानों की भी अच्छी तादाद रही। इस आयोजन में करणी सेना प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर ने सरकार को चेतावनी दी कि जातिगत आरक्षण समाप्त करें वरना हम चुनावी राजनीति से परहेज नहीं करेंगे उन्होंने कहा कि हम व्यवस्था सुधार के लिए आंदोलन कर रहे हैं और सवर्ण और पिछड़ा वर्ग हमारे साथ है। हम मिलकर तख्ता पलट देंगे।
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इस प्रदर्शन को रोकने के लिए लगातार प्रयास किए गए और पुलिस और प्रशासन ने सख्ती भी की लेकिन इसके बावजूद भोपाल में करणी सेना के लोेगों का आना जारी रहा। लोग अपना खाना बनाने के लिए सामान तक लेकर यहां पहुंचे थे। इस प्रदर्शन में ग्वालियर, छतरपुर, पन्ना, इंदौर, मंदसौर, नीमच से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे। इसके अलावा प्रदर्शन के लिए राजस्थान, उप्र, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र राज्यों से लोग जुटे थे।
करणी सेना ने अपनी नाराज़गी सीधे सीएम शिवराज से जताई और कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी वे यहां धरना देंगे। करणी सेना ने अपनी मांगों को पूरा करने के लिए सरकार को शाम चार बजे तक का समय दिया था। सीएम शिवराज से इनकी नाराज़गी इस कदर थी कि भीड़ नारे लगा रही थी कि ‘मोदी तुमसे बैर नहीं, शिवराज तेरी खैर नहीं।’ करणी सेना के लोगों ने कहा कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो आगामी चुनाव में भाजपा को सत्ता से बेदखल कर दिया जाएगा।
भारी सख़्ती और रोक टोक के बाद भी भोपाल के जंबूरी मैदान पर चार राज्यों के करणी सेना के लोग जुटे. जातिगत आरक्षण समाप्त करने के लिये आंदोलन. चुनावी साल में @ChouhanShivraj सरकार के लिये परेशानी @ABPNews pic.twitter.com/q5tv8cv0e2
— Brajesh Rajput (@brajeshabpnews) January 8, 2023
करणी सेना के सर्मथन में आए लोगों के कारण शहर में भीड़ इस कदर बढ़ गई थी कि आसपास के इलाकों में जाम लग गया था। जंबूरी मैदान में करणी सेना को कार्यक्रम के एक दिन की अनुमति दी गई है, लेकिन शामिल ज्यादातर लोग अपने साथ राशन लेकर आए थे। इनके पास टैंट थे। ट्रकों में जलाऊ लकड़ी थी और जरुरत की दूसरी सुविधाएं भी इनके पास हैं।