धार। मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड व जिला प्रशासन की पहल पर मांडू उत्सव के एक दिन पूर्व 6 जनवरी को ग्रामीण जीवन के अनुभव करने के लिए इटली के 9 सदस्यीय दल ने मांडू तराई में बसे जनजाति गांव मालीपुरा का भ्रमण किया।
ग्रामीण परिवेश को देखकर यह दल अभिभूत हो गया। यहां तक कि मांडू क्षेत्र के मालीपुरा क्षेत्र के तालाब में नौका विहार भी किया। इस तरह से पर्यटन क्षेत्र से आजीविका की एक नई राह खुली है।
आने वाले समय में इस तरह का भ्रमण मांडू में पर्यटन के नए रास्ते खोलेगा। शुक्रवार को सुबह दल ग्राम मालीपुरा पहुंचा। पहाड़ के नीचे सुंदर वादियों में बसे इस गांव की अपनी कई खूबियां हैं।
प्रकृति ने इस स्थल को विशेष रूप से सौंदर्य प्रदान किया है। हसीन वादियों में इटली के मेहमान पहुंचे तो यहां के नजारे से खुश हुए। इन विदेशी मेहमानों का स्वागत परंपरागत ढोल मांदल एवं जनजाति नृत्य से किया गया।
मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड, वसुधा विकास संस्थान व जिला प्रशासन ने इस पहल को सार्थक किया। जैसे ही इटली का पर्यटन दल गांव पहुंचा तो उसका स्वागत लोकनृत्य से किया गया।
आदिवासी अंचल की परंपरा अनुसार स्वागत लोक नृत्य से किया जाता है। ढोल मंडल की समधुर धुन पर दल अपने आप को थिरकने से नहीं रोक पाया। ठंड के मौसम में गांव के स्नेह से सराबोर कुल्हड़ में चाय मिली तो उसकी चुस्कियों का आनंद लिया।
इसके साथ ही नौका विहार से लेकर उन्होंने यहां पर आदिवासी अंचल के लोगों की जिंदगी को करीब से देखा। दल में शामिल स्टोरियां जेनोवा, लॉरेंस जेनेवा, फोरबीया रोम, क्रसीना रोम, फ्लोरा बलोनीया, फ्रेन्चिसको व अन्य साथियों ने इस दौरान कहा कि यह अनुभव हमारे जीवन का सबसे बेहतर अनुभव है।
इन लोगों ने इसके साथ ही आसपास के क्षेत्र में हो रही खेती पर भी अपनी उत्सुकता दिखाई। खेतों में जाकर उन्होंने कपास और मक्का की खेती के बारे में जानकारी ली।
मालीपुरा का तालाब का सौंदर्य अपने आप में महत्वपूर्ण है। वहां पर विदेशी सैलानियों ने नौका विहार किया एवं मालीपुरा के तालाब की तुलना करते हुए इसे नैनीताल एवं ऊटी के तालाब से भी सुंदर बताया।
इस दल ने न केवल यहां के खानपान और ग्रामीण परिवेश को देखा बल्कि सीताफल, पलाश सहित अन्य कई पौधों की खूबियों को जानते हुए इनके वानस्पतिक महत्व को भी समझा।
इस तरह से ये एक यादगार टूर रहा एवं सहज सरल ग्रामीणों के खानपान, उनके व्यवहार को लेकर सभी विदेशी पर्यटक प्रभावित हुए व ग्राम मालीपुरा के ग्रामीण पर्यटन को बढ़ाने के लिए आगे अन्य टूरिस्ट तक प्रचार करने का भी आश्वासन दिया।
इस मौके पर मध्यप्रदेश पर्यटन भोपाल की ओर से ग्रामीण पर्यटन प्रभारी जुबीन सालु एवं वसुधा विकास संस्थान की डायरेक्टर डॉ. गायत्री परिहार ने दल को ग्रामीणों के साथ जोड़ने में भाषा का अनुवाद कर जानकारियां दी।