भोपाल। संविदा स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल झेल रहे मध्यप्रदेश में अब एक और महत्वपूर्ण विभाग अपना काम बंद कर सकता है। बिजली विभाग के संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मचारी लगातार सरकार से नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं लेकिन इस बार इन्होंने नए साल में अपनी ताकत दिखाने की तैयारी कर ली है। 6 जनवरी से बिजली कर्मचारी जेल भरो आंदोलन करेंगे और इसके साथ ही 9 जनवरी से अनिश्चित कालीन काम बंद हड़ताल भी शुरु होगी। ऐसे में साफ है कि अब आने वाले दिनों में मध्यप्रदेश में बिजली को लेकर कई समस्याएं देखने को मिलेंगी और कर्मचारियों और सरकार के बीच गतिरोध बढ़ेंगे।
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— Lakhan kewat (@Lakhankewat15) January 1, 2023
यूनिटाइडेट फोरम फॉर पावर एम्प्लाइज़ एंड इंजीनियर्स ने इसे लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक पत्र लिखा है और इसमें साफ किया है कि वे अब अपनी मांगों के लेकर गंभीर तौर पर प्रदर्शन करने जा रहे हैं। इस पत्र में उन्होंनेअपनी मांगों के लिए लिखे गए पुराने पत्रों के बारे में भी जानकारी दी है। ये कर्मचारी जुलाई से दिसंबर महीने तक 9 पत्र लिख चुके हैं। इस पत्र में कर्मचारियों ने जेल भरो आंदोलन के साथ काम के बहिष्कार की बात की है।
9 जनवरी को मध्यप्रदेश में ब्लैकआउट ! #बिजली कर्मियों के @UnitedForum_MP ने निर्णायक आंदोलन से किया नए साल का आगाज,बिजली कर्मचारियों की सालों से लंबित मांगों का तत्काल निराकरण करे सरकार@ChouhanShivraj @PradhumanGwl @Energy_MPME @aditya_prataps @MPVMAS @mpczDiscom @PowerManageMP pic.twitter.com/cO0enAwExy
— Pradeep Dwivedi (@prdeepdwivedi73) January 2, 2023
- कर्मचारियों ने अपने इस पत्र में जो मांगें की हैं उनमें पहली मांग संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मियों को नियमित करने की है। भाजपा ने ही साल 2013 में इसका संकल्प लिया है लेकिन इसके बाद से यह मांग उन्होंने ही पूरी नहीं की है।
- सभी आउटसोर्स कर्मचारियों का संविलियन करके उनकी वरिष्ठता अनुसार वेतन वृद्धि करने और सभी कर्मचारियों को बीस लाख का दुर्घटना बीमा देने और मेडिक्लेम की सुविधा देने की मांग भी कई गई है।
- मध्यप्रदेश की बिजली कंपनियों के कर्मियों के वेतन एवं पेंशन के भुगतान को प्राथमिकता देने एवं साथ ही भविष्य में समय से पेंशन के भुगतान की सुनिश्चित व्यवस्था करने के इंतज़ाम करने की मांग की गई है।
- कर्मचारियों ने केन्द्र सरकार द्वारा दिये जा रहे महगाई भत्ते / राहत का 38% की दर से तुरंत भुगतान करने की मांग की है। उन्होंने अपने पत्र में बताया है कि वर्तमान में बिजली कर्मचारी रहे पेशनर्स को म.प्र. शासन के पेंशनर्स से भी 11% कम महगाई राहत दी जा रही है।
- बिजली कर्मचारियों की एक और शिकायत है कि कर्मचारियों के रिटायरमेंट के बाद के पेंशन संबंधी सभी भुगतानों तथा ग्रेच्युटी, लीव सरेंडर, पेंशन सांराशीकरण ( कम्यूटेशन) आदि का भुगतान को समय से प्रदान नहीं किया जा रहा है।
- इसके अलावा सभी दूसरे सरकारी कर्मचारियों की तरह बिजली कंपनियों के कर्मियों ने भी नई पेशन स्कीम की जगह पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने और टर्मिनल बेनिफिट ट्रस्ट में पेंशन की राशि जमा कराने की मांग की है।
बिजली कर्मचारी अपने अधिकारों के लिए काफी समय से संघर्ष करते आ रहे हैं और वे नियमितीकरण की मांग भी भारतीय जनता पार्टी के द्वारा 10 साल पहले किए गए वादे के आधार पर ही कर रहे हैं। इसके बाद भाजपा लगातार शासन में रही लेकिन इन कर्मचारियों की सुध नहीं ली गई। इसके अलावा कर्मचारियों के काम के खतरे को देखते हुए भी शासन द्वारा इनके लिए कोई खास इंतज़ाम नहीं किए गए हैं। अब तक कई बार कर्मचारी बेहद खतरनाक दुर्घटनाओं का शिकार होकर अपनी जान गंवा चुके हैं।