धार। देश-दुनिया के लोगों के घूमने के लिए पर्यटक स्थल मांडू एक बहुत ही खूबसूरत जगह है, लेकिन यहां के गैर जिम्मेदार अधिकारियों के कारण यहां लाखों करोड़ों के विकास कार्य किए गए, लेकिन उन विकास कार्यों की अनदेखी के कारण कुछ महीने बाद ही रोड उखड़ गए जिसका खामियाजा आज घूमने वाली जनता को उठाना पड़ रहा है।
जहां शासन स्तर पर नगर पालिका में लाखों करोड़ों का बजट आता है। जनता विकास के काम करती है, लेकिन यहां के लापरवाह जिम्मेदार अधिकारी व इंजीनियर की देखरेख के बावजूद भष्टाचारियो द्वारा ऐसी सड़कें बनाईं गईं जिसका नजारा आज आपकी नजरों के सामने हैं।
नगर परिषद मांडू में इन दिनों ठेकेदारों के वारे न्यारे हो रहे हैं। ठेकेदार कैसा भी काम करें पैसा तो निकलना ही है क्योंकि ठेकेदारों के इन कारनामे को छुपाने के लिए कर्मचारियों और नेताओं ने साठगांठ जो कर रखी है।
पहला मामला –
आप को बता दें कि हाल ही में बन रही सड़क खारी बावड़ी से 56 महल तक मुख्यमंत्री अधोसंरचना में सीमेंट कंक्रीट सड़क का जो निर्माण कार्य किया जा रहा है, वह पूर्ण रूप से गुणवत्ताविहीन और घटिया तरीके से हो रहा है।
सड़क बनाते-बनाते ही उखड़ने लगी है। लाखों रुपये का चूना शासन को सरेआम लगाया जा रहा है। इस घटिया निर्माण को लेकर रहवासियों ने सवाल उठाए तो जवाबदारों ने कार्य को अच्छा बताया जिससे नाराज क्षेत्रवासियों ने सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की।
सीएम हेल्पलाइन के बावजूद भी संबंधित ठेकेदार पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई और ठेकेदार मस्ती से रुका हुआ काम भी आसानी से कर रहा है। सड़क निर्माण में अर्थ वर्क लेवलिंग बराबर ना होना और कच्चा माल ज्यादा डालकर हाइट को भी पलीता लगाया जा रहा है। साथ ही कम सीमेंट और डस्ट का भरपूर उपयोग कर इतिश्री की जा रही है।
राहुल सेन ने बताया कि छप्पन लाख की सीमेंट कंक्रीट सड़क में खुलेआम भ्रष्टाचार किया जा रहा है। सड़क निर्माण घटिया है जिसको लेकर मेरे द्वारा सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की गई है, लेकिन ठेकेदार पर कोई कार्यवाई नहीं हुई।
दूसरा मामला –
जामनिया फाटा से कन्नड़ी पुरा पहुंच मार्ग में जगह-जगह गड्ढे हो रहे हैं और बारिश के बाद से पुरानी पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई है। मार्ग का निर्माण कब से पूर्ण हो जाना था, लेकिन यह मार्ग आज भी अधूरा पड़ा है। किया गया काम भी गुणवत्ता विहीन होने के चलते जवाब देने लगा है। एक करोड़ 10 लाख की लागत से पांच किलोमीटर सड़क बनाना थी।
तीसरा मामला –
वार्ड क्रमांक 2 में 18 लाख की लागत से बनी सीमेंट कंक्रीट की सड़क पहली ही बारिश में धुल गई है। पूरी सड़क में सीमेंट की जगह धूल के गुबार उठ रहे हैं। मजे की बात तो यह है कि घटिया निर्माण करने के बावजूद ठेकेदार का अधिकाश पेमेंट निकाल दिया गया है।
चौथा मामला –
नरसिंहपुरा वार्ड क्रमांक 6 पहुंच मार्ग की हालत भी जर्जर है। जगह-जगह गड्ढे देखे जा सकते हैं। वही वार्ड क्रमांक 3 में बने सीमेंट कंक्रीट के 18 लाख लागत की यह सड़क अधूरी पड़ी है और अधूरी पड़ी रहने का कारण घटिया निर्माण पर ग्रामीणों का आक्रोश था।
कई शिकायत के बावजूद भी निर्माण कार्य आज भी अधूरा पड़ा है। क्षेत्र के लोग परेशान हो चुके हैं। वार्ड 3 के नागरिक बताते हैं कि दफ्तरों में कई बार शिकायत की।
यहां तक कि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर भी इस घटिया निर्माण को लेकर शिकायत दर्ज की गई है, लेकिन संबंधित ठेकेदार पर ना कार्रवाई हुई और ना ही सड़क निर्माण चालू हुआ। आज लोग परेशान हो रहे हैं।
जनता के पैसे की ऐसे बर्बादी की जा रही है। यह सारा खेल कमीशन का है। ठेकेदार मोटी रकम कमीशन के रूप में अधिकारी और जनप्रतिनिधियों को देते हैं और इनके बिल पास हो जाते हैं, फिर चाहे वह घटिया से घटिया निर्माण कार्य करके चला जाए।
भाजपा व कांग्रेस नेताओं से संबंध –
पर्यटक स्थल मांडू में लाखों रुपये के कार्य किए जाते हैं, लेकिन ठेकेदार ठेके ले लेते हैं। फिर उनका पेटी कॉन्ट्रैक्ट कर देते हैं जिनका संबंध भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस के नेताओं से भी होता है।
ऐसा ही एक पेटी कांट्रेक्टर भाजपा पदाधिकारी होने के साथ-साथ क्षेत्रीय विधायक का भी काफी करीबी है। अपने रसूख के दम पर कांट्रेक्टर घटिया काम कर आसानी से पैसे निकाल लेता है। इधर नगर परिषद के अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि ठेकेदारों से लाभ लेकर बने कार्यों की ओर देखते तक नहीं हैं।
करवाई की जाएगी –
निर्माण में अगर गड़बड़ी पाई गई तो संबंधित ठेकेदार पर ठोस कार्रवाई की जायेगी। जितने भी कार्य हुए हैं उनको सही करवाया जायेगा। ठेकेदार का पेमेंट रोका जायेगा व ब्लैक लिस्ट किया जायेगा। – माधुरी वर्मा, सीएमओ, मांडू