इंदौर। एनीमिया मुक्त भारत अभियान के तहत बच्चों, किशोरों व महिलाओं को आयरन की खुराक दी जा रही है ताकि वे एनीमिया से बच सकें। इस अभियान के तहत ही छह माह की आयु से ही बच्चों को आयरन की खुराक दी जा रही है।
एनएफएचएस-5 के सर्वे अनुसार मुताबिक, मप्र में 72 फीसदी बच्चे और 58 फीसदी एनीमिया से पीड़ित है। साथ ही 52 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं भी एनीमिया से ग्रस्त मिली हैं।
एनीमिया मुक्त भारत अभियान में स्वास्थ्य विभाग, महिला व बाल विकास विभाग और शिक्षा विभाग अपनी भूमिका निभा रहे हैं।
एनीमिया को नियंत्रित करने के लिए बनाई जाएगी खास रणनीति –
एनीमिया के कंट्रोल के लिए 6x6x6 रणनीति के तहत काम किया जा रहा है। 6 माह से 59 माह के बच्चों को आशा कार्यकर्ता सप्ताह में दो बार 1 एमएल आयरन ड्रॉप का सेवन कराएंगी।
इसी तरह 5 साल से लेकर 10 साल तक के बच्चों को आयरन की गुलाबी गोली और 11 से 19 साल के किशोर वर्ग को नीली गोली स्कूलों की तरफ से दी जा रही है।
वहीं, 20 से 49 साल की गर्भवती महिलाओं को आईएफए की लाल गोली 180 दिनों तक लगातार स्वास्थ्य और पोषण दिवसों में दी जाती है।