भोपाल। भोपाल के एक प्रतिष्ठित स्कूल की बस में साढ़े तीन वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले में दोषी पाए गए बस चालक हनुमंत जाटव को सोमवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने अंतिम सांस तक कारावास की सजा सुनाई है।
इसके साथ ही अपराध में साथ देने की दोषी साबित हुई महिला सहायक (केयर टेकर) उर्मिला साहू को 20 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई है और कोर्ट ने दोनों दोषियों पर 32-32 हजार रुपये का फाइन भी लगाया है।
आठ सितंबर को पीड़ित बच्ची के साथ बस चालक हनुमंत जाटव ने दुष्कर्म किया था और उस समय बस में महिला केयर टेकर उर्मिला साहू मौजूद थी, लेकिन उसने बच्ची को बचाने का कोई प्रयास नहीं किया।
दुष्कर्म के इस मामले में 12 सितंबर को भोपाल के महिला थाना में उस समय केस दर्ज किया गया, जब बच्ची ने अपने माता-पिता को ड्राइवर की गंदी हरकत के बारे में जानकारी दी।
आरोपी ड्राइवर स्कूल बस में एक अन्य बच्ची के साथ भी छेड़छाड़ करता था और पुलिस ने उस मामले को संज्ञान में लेते हुए रिपोर्ट दर्ज की थी। दोनों मामलों में साथ-साथ सुनवाई चल रही थी।
दोनों बच्चियों के साथ अपराध करने के मामले में बस चालक के खिलाफ कोर्ट में आरोप सिद्ध हुए और उसे सजा भी सुनाई गई है।
बता दें कि बच्ची ने बस ड्राइवर की गंदी हरकतों के बारे में जब अपने माता-पिता को बताया तो उन्होंने स्कूल प्रबंधन को इसकी शिकायत की थी, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने मामले को गंभीरता से न लेते हुए ड्राइवर को क्लीन चिट दे दी थी।
स्कूल प्रबंधन द्वारा स्कूल बस ड्राइवर को क्लीन चिट दिए जाने के बाद बच्ची के माता-पिता की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया था। तब आरोपी ड्राइवर और महिला केयर टेकर को गिरफ्तार कर लिया गया था।
अभियोजन पक्ष ने मात्र 14 दिन में 32 गवाहों के बयान दर्ज कर मामले की गंभीरता को देखते हुए तेजी दिखाई और पुलिस ने 20 दिन में विवेचना पूर्ण कर चालान पेश कर दिया।
डीसीपी विनीत कपूर ने इस मामले को लेकर कहा कि वारदात से संबंधित सभी तथ्यों का कोर्ट के सामने पेश करने के पूर्व तीन बार सत्यापन किया गया था।