रायपुर। छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय अंधत्व और अल्प दृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत नंवबर माह में बाल नेत्र सुरक्षा सप्ताह चलाया गया था जिसमें 28,193 बच्चों में दृष्टिदोष की समस्या सामने आई।
इस योजना में जांच के बाद दृष्टिदोष से पीड़ित 14,839 बच्चों को शासन की तरफ से अब तक निःशुल्क चश्मा का वितरण नहीं किया जा सका है और इस तरह से प्रदेश में राष्ट्रीय अंधत्व और अल्प दृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम की पोल खुल गई है।
नवंबर माह में राष्ट्रीय अंधत्व और अल्प दृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश में बाल नेत्र सुरक्षा सप्ताह के तहत 9,741 स्कूलों में छह से 15 वर्ष के 8.4 लाख से अधिक बच्चों की आंखों की जांच की गई।
जानकारी के मुताबिक, राज्य के 9,741 स्कूलों में 8.4 लाख से अधिक बच्चों की जांच में 28,193 बच्चों में दृष्टिदोष पाया गया और 1,574 बच्चों में विटामिन ए की कमी पाई गई, जिसकी कमी की वजह से आंखों में समस्या आती है।
स्कूलों में जांच के बाद 13,454 बच्चों को निःशुल्क चश्मा वितरित किया गया, जबकि 14,839 बच्चे इससे वंचित रह गए जिसके बाबत विभिन्न स्कूलों द्वारा बच्चों को चश्मा देने के लिए विभाग को पत्र लिखा गया है।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, स्कूली बच्चों के नेत्र परीक्षण में बच्चों में विटामिन ए की कमी, नवजात अंधत्व समस्या, एलर्जी नेत्र संक्रमण, नेत्र इंज्युरी, जन्मजात मोतियाबिंद, निकट दृष्टिदोष, मायोपिया, दूर दृष्टिदोष हाइपरमेट्रोपिया, विन डेवलपमेंट डिसऑर्डर, एम्बलायोपिया जैसी बीमारियां व इसके लक्षण पाए गए और जिन बच्चों में ज्यादा समस्याएं थीं, उन्हें अस्पताल में उपचार के लिए सलाह दी गई।
इस नेत्र परीक्षण में यह बात सामने आई है कि मोबाइल व टीवी के ज्यादा इस्तेमाल और आउटडोर गेम या एक्टिविटी कम होने की वजह से समस्या आई है।
डॉक्टरों ने बताया कि आंखों में सिकुड़न, बार-बार रगड़ना, पढ़ते या फिर टीवी देखते वक्त एक ओर सिर को झुकाकर देखना, किताब बहुत ही पास से पढ़ना, लगातार आंखों में और सिर में दर्द की शिकायत रहने पर बिना देर किए नेत्र रोग विशेषज्ञ से नेत्र जांच करानी चाहिए।
जिन बच्चों को चश्मा नहीं मिल पाया है, उसके लिए प्रक्रिया जारी है –
स्कूलों में 28,193 बच्चों में आंखों की समस्याएं सामने आई हैं। इसमें 13,454 को निःशुल्क चश्मा वितरण कर दिया है, जिन 14,839 बच्चों को चश्मा नहीं मिल पाया है, उन्हें देने की प्रक्रिया जारी है। – डॉ. सुभाष मिश्रा, राज्य नोडल अधिकारी, अंधत्व निवारण कार्यक्रम