खाद के लिए परेशान किसान, कतारों में हुई मौतों के बाद भी कमी की बात नहीं मान रहे सीएम शिवराज


खाद की कमी की तस्वीरें लगातार आ रहीं हैं, अब तक दो किसानों की मौत भी हो चुकी है और मुख्यमंत्री खुले मंच से कह रहे हैं कि कमी को लेकर लोग भ्रम फैला रहे हैं।


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उनकी बात Updated On :

भोपाल। मध्यप्रदेश में खेती के लिए खाद दी कमी है और इससे जुड़े दृश्य सामान्य तौर पर गांवों में देखे जा सकते हैं। हालांकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इससे इंकार करते हैं। इस बीच ख़बर यह भी है कि प्रदेश के कुछ हिस्सों में किसानों की मौत हुई है क्योंकि वे खाद लेने के लिए लाइन में घंटों तक लगे रहे।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सिहोर में अब एक किसान की मौत खाद की लाइन में लगे हुए हो गई। सिहोर के रामाखेड़ी गांव में ढ़ाबला सहकारी सोसायटी में खाद बंट रहा था। खाद की कमी पहले से ही थी इसलिए वितरण के दौरान बड़ी लाइनें लगी थीं। यहां 65 साल के किसान शिवनारायण मेवाड़ा भी पहुंचे थे। लोगों के मुताबिक शिवनारायण सुबह से भूखे प्यासे लाइन में लगे थे। इससे पहले भी वे दो दिनों तक इसी तरह लाइन में लगे थे लेकिन खाद नहीं मिल सकी।

किसानों के परिजनों ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि वे पिछले कई दिनों से खाद के लिए परेशान थे। दो-तीन दिन से खाद के लिए वे सुबह से ही बिना कुछ खाए पिए खाद के लिए जा रहे थे। शनिवार को जब वे खाद लेने गए तो पूरा दिन लाइन में लगे रहे। शाम करीब चार बजे जब खाद मिलने की बारी आई तो उनकी मौत हो गई।शिवनारायण मेवाड़ा के पास महज तीन एकड़ जमीन थी।

वहीं इस मामले में जब सहकारी समिति प्रबंधक शंकरलाल से पूछा गया तो उनका कहना था कि हमने यहां से उनके लिए खाद की पर्ची काट दी थी।

गोडाउन में जाते समय उनकी मृत्यु हुई है। विपक्षी दल कांग्रेस ने किसान की मौत पर दुख जताते हुए राज्य सरकार से तीखे सवाल पूछे हैं।

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इससे पहले गुना जिले में भी एक किसान की ऐसे ही लाइन में लगे हुए मौत हो गई थी। 20 अक्टूबर को 2022 को गुना के गोल्याहेड़ा गांव के रहने वाले 38 वर्षीय किसान राम प्रसाद कुशवाहा को भी खाद की लाईन में लगे रहते हुए चक्कर आ गए थे और बाद में उनकी मौत हो गई।

खाद की कमी को लेकर प्रदेश सरकार किसी भी तरह से अपनी गलती नहीं मान रही है। किसानों के मुताबिक जहां खाद नहीं मिल रही है तो वहीं मुख्यमंत्री खुले मंच से कह रहे हैं कि खाद की कोई कमी नहीं हैं।

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पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा, ‘मैं मुख्यमंत्री से जानना चाहता हूं कि प्रदेश के किसानों को कब तक खाद के लिए इस तरह से परेशान किया जाएगा। एक तरफ प्रदेश में खाद की जमाखोरी और कालाबाजारी हो रही है तो दूसरी तरफ किसान परेशान हो रहा है। सरकार कालाबाजारी करने वालों को संरक्षण दे रही है और किसानों की आवाज उठाने वालों पर झूठे मुकदमे लगा रही है। मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि वह तत्काल किसानों को खाद की आपूर्ति सुनिश्चित कराएं ताकि प्रदेश को इस तरह की ह्रदय विदारक घटनाएं ना देखनी पड़ें।’

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खाद की कमी को लेकर खुद भाजपा कार्यकर्ता भी परेशान हैं। ग्रामीण नेताओं से लोग इसे लेकर सवाल पूछ रहे हैं लेकिन इन नेताओं को भी नहीं पता कि वे इसका क्या जवाब दें। उज्जैन जिले के एक ग्रामीण नेता के मुताबिक वे इसके बारे में संगठन को भी बता चुके हैं लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं मिला।



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