धार। धार में नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को धार की पॉक्सो एक्ट के तहत स्थापित स्पेशल कोर्ट ने 20 साल जेल की सजा सुनाई है।
आरोपी दो साल पहले पीड़िता को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया और उसके बाद उसके साथ दुष्कर्म किया। मामले में औद्योगिक नगरी पीथमपुर के सेक्टर एक थाने पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया।
इसी प्रकरण में गुरुवार को धार में पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश पंकज सिंह माहेश्वरी द्वारा फैसला सुनाते हुए आरोपी युवराज (21 साल) पिता पदम सिंह को 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
निर्णय के दौरान कोर्ट ने अपने फैसले में दुष्कर्म को लेकर उल्लेख करते हुए कहा कि आरोपी के द्वारा 18 वर्ष से कम उम्र की बालिका के साथ घिनौना कृत्य किया गया है। समाज में बच्चियों एवं महिलाओं के साथ इस प्रकार के अपराध में काफी बढ़ोतरी हो चुकी है और इस प्रकार के अपराध समाज की नैतिकता को प्रभावित करते हैं।
आरोपी के कृत्य को दृष्टिगत रखते हुए दंड के संबंध में आरोपी के प्रति उदारता बरतना न्यायोचित नहीं है जिसके कारण ही सजा सुनाई गई है।
न्यायालय के समक्ष सुनवाई के दौरान पीड़िता एवं उसके माता-पिता थाने में पुलिस के समक्ष दिए बयानों से पलट गए थे।
ऐसे में लोक अभियोजक ने डॉक्टर व विवेचना अधिकारी के कथनों के माध्यम से पीड़िता की आयु एवं डीएनए रिपोर्ट पेश की, जिसके आधार पर ही कोर्ट ने प्रकरण को प्रमाणित मानते हुए 20 साल की सजा सुनाई है।
प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक आरती अग्रवाल ने की।