भोपाल। शहर की नगर पालिका में 39 पार्षदों में से 27 भाजपा की ओर से जीतते हैं और फिर शुरु होती है अध्यक्ष बनाए जाने की कशमकश, इसी बीच भोपाल से एक फोन जाता है और नगर पालिका की अध्यक्ष का नाम तय हो जाता है। यही कहानी है विदिशा में नगर पालिका अध्यक्ष प्रीति राकेश शर्मा की।
इसके बाद विदिशा नगर पालिका में फोन पर काम करने की परंपरा ने जैसे ज़ोर पकड़ लिया। नगर पालिका क्षेत्र में रहने वाले लोगों के जीवन को प्रभावित करने वाले फैसले किसी औपचारिक बैठक की बजाए बस फोन पर लिये जाने लगे। इस बीच लोकतंत्रात्मक तरीके से विचार विमर्श की उम्मीद कम होती रही।
यह बात इसलिए क्योंकि विदिशा नगर पालिका से जुड़ा एक ऑडियो इन दिनों लगातार वायरल हो रहा है। करीब सोलह मिनिट का यह ऑडियो बताता है कि राजनीतिक ताकत मिलने के बाद सरकारी काम किस तरह से होते हैं और महिलाओं को पद पर पहुंचने बाद भी उनके पति कैसे उनके प्रतिनिधि बनकर कामकाज संभालते हैं।
हालांकि इसी साल अगस्त में विदिशा नपा के सभी पार्षदों ने मिलकर तय किया था कि उन्हीं पार्षद को अध्यक्ष बनाया जाए तो ज्यादा सक्रिय हों ताकि उनके पति अध्यक्ष पद का कामकाज न संभालें।
यह ऑडियो एक पार्षद पति और नपा अध्यक्ष के पति के बीच हुई बातचीत का बताया जा रहा है। इनमें एक ओर हैं पार्षद रोशनी किरार के पति और खुद पार्षद रहे सूरज किरार और दूसरी ओर हैं अध्यक्ष पति राकेश शर्मा जो नगर पालिका में सांसद रमाकांत भार्गव के प्रतिनिधि भी हैं। एक ज़रूरी बात ये भी है कि ये दोनों ही भाजपा के सदस्य हैं।
इस ऑडियो में सुना जा सकता है कि पिछले दिनों जो नगर सरकार की संज्ञा देकर जो चुनाव हुए और उनमें चुनकर जो लोग आए वे दरअसल किस हद तक ताकत रखते हैं।
बातचीत के कई हिस्से सुनने लायख़ नहीं हैं इसलिए हमनें उन्हें सेंसर किया लेकिन आपको यह ऑडियो इसलिए सुनना चाहिए ताकि पता लग सके कि हमारे प्रतिनिधि कैसे लोकतंत्र और नियमों को खेल बनाकर काम करते हैं और कैसे ये एक बड़ी आबादी को प्रभावित करने वाले निर्णय केवल अपने घर के ड्राइंग रुम में बैठकर ही ले लेते हैं।
आपको इसमें यह भी पता चलेगा कि ये प्रतिनिधि अलोकतांत्रिक होने के साथ किस कदर अभद्र हो सकते हैं और राजनीतिक ताकत मिलने के बाद कैसे इन्हें अधिकारी इन्हें गलत करने से रोकने की बजाए गलत होने देते हैं।
मामला ये था कि अध्यक्ष पति राकेश शर्मा ने सभी पार्षदों को वाट्सएप पर एक एजेंडा भेजा। इस एजेंडे में शहर में होने वाले विकास कार्यों का ब्यौरा था। पार्षदों से पूछा गया था कि इन विकास कार्यों में वे क्या कुछ नया जुड़वाना चाहते हैं तो बता दें।
इसके बाद एक पार्षद के पति सूरज किरार ने नगर पालिका अध्यक्ष के पति राकेश शर्मा को फोन किया। उन्होंने एजेंडे पर बात की। इसके बाद किरार ने नियमानुसार बैठक बुलाने की बात कही। इस पर शर्मा ने साफ इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि बैठक में हुडदंग होता है और कोई काम नहीं होता। बातचीत के इस हिस्से में शर्मा ने नगर पालिका पर अपना एकाधिकार बताते हुए साफ कह दिया कि वे बैठक नहीं बुलाएंगे और इसी तरह एजेंडा सभी को व्यक्तिगत रुप से भेजेंगे।
इसके बाद बातचीत आगे बढ़ती है और किरार कहते हैं कि एजेंडा में सभी पार्षदों को 15 लाख रुपये विकास कार्यों के लिए अलॉट किये गए हैं लेकिन इन विकास कार्यों की समय सीमा तय नहीं की गई है। किरार ने कहा कि ऐसे में पार्षद इस एजेंडे का विरोध भी कर सकते हैं ऐसे में उन्हें बैठक करके ही सभी से बातचीत करनी चाहिए।
इसके बाद बात बिगड़ गई और अध्यक्ष पति का पारा चढ़ने लगा। इसी दौरान किरार ने कह दिया परिषद का महत्व होता है और उन्हीं से पूछकर ही विकास एजेंडे तय किये जाने चाहिए। इस पर अध्यक्ष पति शर्मा कहते हैं कि वे (किरार) गलत बात कर रहे हैं। इसके बाद शर्मा ने कुछेक अपशब्दों का प्रयोग किया। इसके बाद शर्मा ने कहा कि पार्षदों के चिल्लाने से कुछ नहीं होता और इस तरीके से बात करना वे बर्दाश्त कर नहीं करेंगे।
राकेश शर्मा इस पूरी बातचीत में केवल पार्षद पति सूरज किरार के बैठक के सवालों पर भड़क रहे थे। इसके बाद बातचीत के आठवें मिनिट में बातचीत कुछ संभलती है लेकिन इसके बाद किरार का पारा चढ़ा और फिर दोनों ओर से गालियों की बौछार हो गई।
बातचीत के आख़िरी हिस्से में शर्मा को जैसे अहसास होता है कि उन्होंने इस फोन पर कुछ ज्यादा ही बात कर ली है हालांकि इस दौरान भी उन्होंने यह कहा कि वे पार्षदों की बैठक नहीं बुलाएंगे। इस पर किरार ने उनकी शिकायत मुख्यमंत्री शिवराज से करने की बात भी कही लेकिन शर्मा इससे बेफिक्र नज़र आए। इस पूरे ऑडियो को आप यहां सुन सकते हैं।
पार्षदों की अहमियत…
नगर पालिका विदिशा में कुछ समय पहले ही पार्षदों की बात सुने जाने और उनकी राय को तरजीह दी जाने जैसी बातें हो रहीं थीं लेकिन अब नगर पालिका को सांसद प्रतिनिधि राकेश शर्मा ही चला रहे हैं। हालांकि नियमों के अनुसार सांसद प्रतिनिधि नपा के काम काज में कोई खास हस्तक्षेप नहीं कर सकते लेकिन विदिशा में सांसद प्रतिनिधि अध्यक्ष के पति भी हैं ऐसे में उन्हें दोहरी शक्ति हासिल है।
यही वजह है कि वे विकास का ऐजेंडा भी बनाते हैं और परिषद की औपचारिक बैठक बुलाने या न बुलाने पर एकाधिकार से निर्णय भी लेते हैं। फोन पर एजेंडा भेजे जाने की बात जिले के कई अन्य नेताओं को अटपटी लगती है लेकिन वे चुप रहते हैं।
इसकी वजह सांसद प्रतिनिधि राकेश शर्मा का रुतबा और पहुंच है। वे जिले के बड़े कारोबारी हैं, चुनाव भी लड़ चुके हैं और आर्थिक रुप से काफी सक्षम माने जाते हैं। वे खुद ही बातचीत में इसकी पुष्टी करते हैं।
इस बारे में हमने पार्षद पति सूरज किरार से बात की और उन्होंने ऑडियो को सही बताया। उन्होंने अध्यक्ष पति और सांसद प्रतिनिधि राकेश शर्मा के द्वारा नपा के कामकाज में हस्तक्षेप करने पर अपनी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि नगर पालिका के चुनाव होने के बाद अब तक पीआईसी गठित नहीं की गई है। किरार कहते हैं कि शर्मा ने विकास कार्यों का मनगढ़ंत एजेंडा बना लिया है और वे इसे पार्षदों पर थोप रहे हैं।
किरार ने अपने ऑडियो टेप की तरह यहां हमारी बातचीत में भी शर्मा पर आरोप लगाया कि वे पार्षदों पर गुंडागर्दी करते हैं। वहीं इस बारे में जब राकेश शर्मा से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि ऑडियो क्लिप फेक है। इसके बाद उन्होंने ज्यादा बातचीत में रुचि नहीं दिखाई और फोन रख दिया।
चुनाव के बाद नगर पालिका से जुड़ी ख़बरों में अक्सर अध्यक्ष पति राकेश शर्मा का नाम प्रमुखता से लिखा गया है। स्थानीय लोग उन्हें लगभग अध्यक्ष ही मानते हैं। समझना मुश्किल नहीं कि वे सांसद प्रतिनिधि बनकर नगर पालिका में खासा दखल रखते हैं।
शर्मा स्थानीय उद्योगपति हैं और एक कैप्सूल बनाने वाली NCPL फैक्ट्री संचालित करते हैं। इसके अलावा सपाक्स पार्टी की ओर से विधायक का चुनाव भी लड़ चुके हैं।
हालांकि इस मामले ने भाजपा के कई नेताओं ने मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष तक से शिकायत का मन बना लिया है।
इस बारे में हमने राकेश शर्मा की पत्नी और नपा अध्यक्ष प्रीति शर्मा से भी बातचीत करनी चाही लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। नपा के सीएमओ पीएल राय ने भी फोन नहीं उठाया। इस मामले को स्थानीय मीडिया ने भी ज्यादा तरजीह नहीं दी।