युवाओं के सत्याग्रह ने बेरोजगारी के मुद्दे को चर्चाओं में लाया, सरकार झुकी पर प्रदर्शन जारी, अब पैदल भोपाल जाने की हो रही तैयारी


एमपीपीएससी ने जारी किया कैलेंडर हालांकि, सरकारी आंकड़ों के मुताबिक ही प्रदेश में करीब 30 लाख बेरोजगार हैं और ऐसे में सरकार द्वारा की गई कोई भी घोषणा कमजोर दिखाई दे रही है।


आदित्य सिंह आदित्य सिंह
उनकी बात Published On :
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इंदौर। सरकारी भर्तियों के लिए सत्याग्रह करने वाले युवाओं के इस प्रदर्शन का असर हुआ है। गुरुवार 29 सितंबर को जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तमाम भर्तियों और रोज़गार योजनाओं की घोषणा की वही रुकी हुई भर्तियां भी संबंधित विभागों ने शुरू कर दी है।

इनमें सबसे अहम मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग यानी एमपीपीएससी के द्वारा जारी किया गया कैलेंडर है, जिसके तहत रुकी हुई प्रक्रिया शुरू होने का कैलेंडर जारी किया गया है। वहीं परीक्षा पास कर चुके शिक्षकों की भी भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी कर ली गई है।

हालांकि इसके बावजूद भी इंदौर में जारी भर्ती सत्याग्रह को लेकर युवाओं ने एक बड़ा फैसला लिया है। जिसके मुताबिक भी अपनी सभी मांगें पूरी होने तक प्रदर्शन को नहीं रोकेंगे। इस बीच भोपाल तक की पैदल यात्रा की तैयारियां की जा रही हैं।

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युवाओं के भर्ती सत्याग्रह ने सरकार के लिए स्थिति कुछ मुश्किल भरी बना दी है। इस प्रदर्शन के बाद प्रदेश में बेरोजगारी का मुद्दा एक बार फिर जोर पकड़ चुका है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक ही प्रदेश में करीब 30 लाख बेरोजगार हैं और ऐसे में सरकार द्वारा की गई कोई भी घोषणा कमजोर दिखाई दे रही है।

युवाओं का विरोध है कि सरकार ने लंबे समय तक भर्तियां रोके रखीं और यही वजह रही कि बेरोजगारों की संख्या लगातार बढ़ती रही।

खुद सरकारी विभागों में ही करीब तीन लाख पद खाली हैं जो उम्र दराज अधिकारियों और कर्मचारियों के रिटायरमेंट के साथ बढ़ते ही जाएंगे। ऐसे में सरकार द्वारा जो एक लाख पदों की भर्ती पर बात की जा रही है वह जरूरत को देखते हुए कमतर साबित हो सकती है।

एमपीपीएसी की बात…

उल्लेखनीय है कि MPPSC की ओर से बीत 2019 से 21तक 3 परीक्षाओं का रिजल्ट जारी नहीं किया गया है। इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए अभ्यार्थी लगातार मांग कर रहे थे जिसके बाद इंदौर में भर्ती सत्याग्रह नाम का प्रदर्शन शुरू हुआ।

MPPSC के द्वारा रिजल्ट रोके जाने की वजह ओबीसी को दिया गया 27 प्रतिशत आरक्षण और मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के नियमों में किया गया परिवर्तन है।

नियमों में किए गए इस परिवर्तन के मुताबिक सामान्य जाति वर्ग में मेरिट लिस्ट में आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी को नहीं शामिल नहीं करना था। इसके बाद आरक्षित श्रेणी के उन अभ्यर्थियों को जनरल कैटेगरी में नहीं माना जाता था जिन्होंने सामान्य वर्ग के लिए बनाए गए कट ऑफ लिस्ट के बराबर या उससे अधिक नंबर हासिल किए थे।

एमपीपीएससी के रिजल्ट को लेकर अभ्यर्थियों ने लंबे समय तक इंतजार किया और सितंबर 2022 में विरोध प्रदर्शन शुरू किया। माना जा रहा है इसी दबाव में अब मप्र. लोक सेवा आयोग ने भर्ती प्रक्रिया को शुरू करने का यह फैसला लिया है। इसके तहत आयोग ने एक विज्ञप्ति जारी की है।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि साल 2019 के रिजल्ट की तैयारियां शुरू कर ली गई है वही 2019 की मुख्य परीक्षा का आयोजन जनवरी 2023 के दूसरे हफ्ते में किया जाएगा इसी तरह साल 2021 की मुख्य परीक्षा फरवरी 2023 के तीसरे हफ्ते में कराई जाएगी।



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