इंदौर। सरकारी भर्तियों के लिए सत्याग्रह करने वाले युवाओं के इस प्रदर्शन का असर हुआ है। गुरुवार 29 सितंबर को जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तमाम भर्तियों और रोज़गार योजनाओं की घोषणा की वही रुकी हुई भर्तियां भी संबंधित विभागों ने शुरू कर दी है।
इनमें सबसे अहम मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग यानी एमपीपीएससी के द्वारा जारी किया गया कैलेंडर है, जिसके तहत रुकी हुई प्रक्रिया शुरू होने का कैलेंडर जारी किया गया है। वहीं परीक्षा पास कर चुके शिक्षकों की भी भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी कर ली गई है।
हालांकि इसके बावजूद भी इंदौर में जारी भर्ती सत्याग्रह को लेकर युवाओं ने एक बड़ा फैसला लिया है। जिसके मुताबिक भी अपनी सभी मांगें पूरी होने तक प्रदर्शन को नहीं रोकेंगे। इस बीच भोपाल तक की पैदल यात्रा की तैयारियां की जा रही हैं।
https://twitter.com/i/status/1575551330269425664
युवाओं के भर्ती सत्याग्रह ने सरकार के लिए स्थिति कुछ मुश्किल भरी बना दी है। इस प्रदर्शन के बाद प्रदेश में बेरोजगारी का मुद्दा एक बार फिर जोर पकड़ चुका है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक ही प्रदेश में करीब 30 लाख बेरोजगार हैं और ऐसे में सरकार द्वारा की गई कोई भी घोषणा कमजोर दिखाई दे रही है।
@NEYU4INDIA के नेतृत्व में शुरू हुआ मध्यप्रदेश भर्ती सत्याग्रह की चिंगारी आज #बालागाट की सरजमीं पर जल चुकी है
बालगाट में पैदलयात्रा और सत्याग्रह का आगाज।
लाख दलदल हो ,पाँव जमाए रखिये
हाथ खाली ही सही,ऊपर उठाये रखिये#मध्यप्रदेश_भर्ती_सत्याग्रह
@CMMadhyaPradesh@OfficeOfKNath pic.twitter.com/iIbGxHNE8l— SUMIT SHARMA (@Sumitsharma0891) September 29, 2022
युवाओं का विरोध है कि सरकार ने लंबे समय तक भर्तियां रोके रखीं और यही वजह रही कि बेरोजगारों की संख्या लगातार बढ़ती रही।
खुद सरकारी विभागों में ही करीब तीन लाख पद खाली हैं जो उम्र दराज अधिकारियों और कर्मचारियों के रिटायरमेंट के साथ बढ़ते ही जाएंगे। ऐसे में सरकार द्वारा जो एक लाख पदों की भर्ती पर बात की जा रही है वह जरूरत को देखते हुए कमतर साबित हो सकती है।
आ रहे हैं हम,#MPPolice_Merit जारी करवाने,
ओबीसी आरक्षण केस का समाधान मांगने,#MPTET_VARG3_51000 पद करवाने,
MPSI, पटवारी, लाइब्रेरियन, सहायक ग्रेड, सब इंजीनियर, असिस्टेंट प्रोफेसर, SES आदि #MPPEB व #MPPSC की भर्तियां निकलवाने,हक़ से अपना अधिकार लेने,#BhopalChalo #Satyagraha pic.twitter.com/iklPKuBO3t
— National Educated Youth Union (@NEYU4INDIA) September 30, 2022
एमपीपीएसी की बात…
उल्लेखनीय है कि MPPSC की ओर से बीत 2019 से 21तक 3 परीक्षाओं का रिजल्ट जारी नहीं किया गया है। इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए अभ्यार्थी लगातार मांग कर रहे थे जिसके बाद इंदौर में भर्ती सत्याग्रह नाम का प्रदर्शन शुरू हुआ।
MPPSC के द्वारा रिजल्ट रोके जाने की वजह ओबीसी को दिया गया 27 प्रतिशत आरक्षण और मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के नियमों में किया गया परिवर्तन है।
नियमों में किए गए इस परिवर्तन के मुताबिक सामान्य जाति वर्ग में मेरिट लिस्ट में आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी को नहीं शामिल नहीं करना था। इसके बाद आरक्षित श्रेणी के उन अभ्यर्थियों को जनरल कैटेगरी में नहीं माना जाता था जिन्होंने सामान्य वर्ग के लिए बनाए गए कट ऑफ लिस्ट के बराबर या उससे अधिक नंबर हासिल किए थे।
एमपीपीएससी के रिजल्ट को लेकर अभ्यर्थियों ने लंबे समय तक इंतजार किया और सितंबर 2022 में विरोध प्रदर्शन शुरू किया। माना जा रहा है इसी दबाव में अब मप्र. लोक सेवा आयोग ने भर्ती प्रक्रिया को शुरू करने का यह फैसला लिया है। इसके तहत आयोग ने एक विज्ञप्ति जारी की है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि साल 2019 के रिजल्ट की तैयारियां शुरू कर ली गई है वही 2019 की मुख्य परीक्षा का आयोजन जनवरी 2023 के दूसरे हफ्ते में किया जाएगा इसी तरह साल 2021 की मुख्य परीक्षा फरवरी 2023 के तीसरे हफ्ते में कराई जाएगी।