राजस्थान में जारी है सियासी घमासान, सचिन पायलट को सीएम नहीं देखना चाहते विधायक


विधायकों ने शर्त रखी है कि मुख्यमंत्री किसी ऐसे को बनाया जाए जिसने साल 2020 में पायलट की नाराज़गी के समय सरकार बचाने में भूमिका निभाई हो।


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राजनीति Updated On :

भोपाल। राजस्थान में चल रहे सियासी घटनाक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थकों का हठ जारी है। सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनने से रोकने के लिए गहलोत गुटके करीब 90 विधायक इस्तीफा राज्यपाल को सौंप चुके हैं।

कांग्रेस आलाकमान भी सक्रिय रहा और पार्टी पर्यवेक्षक मलिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को गतिरोध खत्म करने के लिए भेजा गया लेकिन पायलट का विरोध कर रहे विधायक उनसे मिलने के लिए भी राजी नहीं हुए। इसके बाद दोनों पर्यवेक्षक सोमवार को दिल्ली लौट कर इस मामले की रिपोर्ट सोनिया गांधी को सौंपेंगे।

अब तक मिली खबरों के मुताबिक साल 2020 में सचिन पायलट का रूठना ही समय उनके खिलाफ जा रहा है।

विधायकों ने शर्त रखी है कि मुख्यमंत्री किसी ऐसे को बनाया जाए जिसने साल 2020 में सरकार बचाने में भूमिका निभाई हो। जबकि यह संकट सचिन पायलट के कारण ही आया था ऐसे में उनके खिलाफ नाराजगी बताई जा रही है।

दूसरी शर्त यह कि वे तब तक कांग्रेस विधायक दल की बैठक कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव तक नहीं चाहते।

वहीं इस मामले में गहलोत का कहना है कि उनके हाथ में कुछ नहीं है क्योंकि विधायक नाराज हैं और मुख्यमंत्री पद के लिए पायलट का समर्थन करने के लिए तैयार नहीं हैं।

अब देखना यह होगा कि इस बागी रुख के बाद आलाकमान का क्या निर्णय होता है। जानकारी के अनुसार कांग्रेस आलाकमान एक फॉर्मूले पर सहमति के लिए काम कर रहा है। जिसके तहत पायलट को और गहलोत समर्थक विधायकों को मंत्री बनाया जाना सोचा गया है।



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