धार। अवैध शराब का कारोबार इन दिनों सुर्खियों में है जिसकी वजह यह है कि बैखोफ शराब माफियाओं द्वारा आईएएस नवजीवन विजय पवार व नायब तहसीलदार राजेश भिड़े पर जानलेवा हमला करना।
इस हमले के बाद पुलिस और प्रशासन की दो अलग-अलग जांच ने आबकारी विभाग में सालों से पदस्थ उन अधिकारियों की नींद उड़ा दी है, जो अब तक चांदी काटते आ रहे थे।
मजिस्ट्रेट जांच के दौरान जांच अधिकारी और एडीएम श्रृंगार श्रीवास्तव ने शुक्रवार को इंदौर के संभागीय कार्यालय आबकारी को पत्र जारी कर उन तमाम अधिकारियों का रिकॉर्ड तलब किया है, जो जिले में बतौर वृत्त अधिकारी जमे हुए हैं और उनके कार्य विभाजन की भी जानकारी बुलवाई गई है।
धार के अलावा गुजरात सीमा से लगे झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी और खरगोन-इंदौर के भी वृत्त अधिकारियों का रिकॉर्ड मांगा गया है। इन अधिकारियों के क्षेत्र में आने वाले बॉटलिंग प्लांट और भंडार गृह का भी रिकॉर्ड मजिस्ट्रेट जांच समिति ने तलब किया है। साथ ही इन प्लांट और भंडार गृह से परिवहन की जानकारी भी बुलवाई गई है।
रिकॉर्ड उगल सकते हैं कई राज –
मजिस्ट्रेट जांच के लिए यदि आबकारी यह रिकॉर्ड उपलब्ध करवा देता है तो इससे कई राज सामने आने की उम्मीद रहेगी। खासतौर पर मप्र से गुजरात को जोड़ने वाले तीन जिलों के रिकॉर्ड अवैध शराब के सुपर कॉरिडोर का भी खुलासा कर सकते हैं।
ऐसे में आबकारी अफसरों पर भी जांच की आंच आने की संभावना बन जाएगी, जो अब तक कार्रवाई करने से बचते आए हैं। इस कारण अब ये अफसर ही रडार पर आ गए हैं।
सालों से धार में पदस्थ हैं कई अधिकारी –
आबकारी विभाग धार के भी वृत्त अधिकारी ऐसे है जो सालों से यहां पदस्थ हैं। दिखावे के लिए अपने-अपने वृत्त में परिवर्तन करवाकर कागजों पर तबादला दिखाते हैं, लेकिन धार जिले का मोह नहीं छोड़ पाते हैं।
धार जिले में अवैध शराब की करोड़ों की कमाई के कारण आबकारी अफसरों का विशेष लगाव धार से रहता है। इनमें कई नाम शामिल हैं, जो आने वाले दिनों में सावर्जनिक होना है।
आबकारी की तरफ से कार्रवाई नहीं –
कुक्षी के अवैध शराब मामले में अब तक पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई की है। एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने जांच में कुक्षी टीआई सीबी सिंह व निसरपुर चौकी प्रभारी को निलंबित भी कर दिया।
वहीं, आबकारी अधिकारी यशवंत धनोरा द्वारा अब तक किसी तरह की विभागीय जांच या कार्रवाई देखने को नहीं मिली है। दूसरी तरफ अधिकारी अपने अधीनस्थों को बचाते हुए नजर आ रहे हैं।
हाल ही में उन्होंने मीडिया इंटरव्यू में भी सिर्फ जांच की बात दोहराई है, लेकिन जांच और कार्रवाई को लेकर अब तक कोई आदेश सामने नहीं आया है।