ग्वालियर शहर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। सफाई कर्मचारी मेहनत कर लोगों के घरों से कचरा एकत्रित कर ठीये पर पहुंचाते हैं, लेकिन वाहन नहीं होने के कारण यह कचरा बरा एवं केदारपुर कचरा निष्पादन साइडों पर नहीं पहुंच रहा है। इसके कारण जगह -जगह कचरों के ढेर दिख रहे हैं।
निगम के पास 20 जेसीबी हैं, इनमें से 11 खराब पड़ी हैं। हालत इतने खराब हो चुके कि सफाई कर्मचारियों के पास गली मोहल्लों से कचरा एकत्रित करने वाले ढेले तक नहीं है। दीपावली के पहले लोगों के घरों में साफ -सफाई चल रही है जिसके चलते शहर में कचरा निकलने की तादाद दो गुणा अधिक हो चुकी है।
पहले जहां 300 से 350 टन कचरा प्रतिदिन निकलता था वहीं आज 600 से 650 टन कचरा प्रतिदिन निकल रहा है। लेकिन साफ सफाई के लिए जरूरी संसाधन दिन प्रतिदिन कम होते जा रहे हैं कचरा उठाने के लिए सबसे अधिक उपयोग में आता है हाथ ठेला, लेकिन शहरभर में सफाई कर्मचारियों के पास हाथ ठेले तक नहीं है।
वहीं राजधानी भोपाल से खबर है कि, मध्यप्रदेश शासकीय वाहन चालक यांत्रिक कर्मचारी संघ ने पांच सूत्रीय मांगों को लेकर चेतावनी जारी की है। संगठन पदाधिकारियों ने बताया कि मांगे पूरी नहीं की गई तो आगामी 11 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी। नगर निगम के सफाई कर्मचारी के साथ तीन चरणों में विरोध प्रदर्शन करेंगे।
यह आंदोलन पांच नवंबर से काली पट्टी बांधकर शुरू होगा। सात नवंबर को नगर निगम मुख्यालय का घेराव किया जाएगा। उसके बाद भी मांगे पूरी नहीं होती हैं तो 11 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। संगठन पदाधिकारियों ने बताया कि 25 दिवसीय कर्मचारियों को नियमित करने, कर्मचारियों का बीमा, कर्मचारियों को उनके मूल पद नाम से संबोधित करने के साथ पदभार की मांगें प्रमुख हैं।