भोपाल। योग गुरु बाबा राम देव के पातांजलि ग्रुप का घी खाने वालों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव छोड़ सकता है। उत्तराखंड में पिछले दिनों खाद्य सरक्षा और औषधि विभाग की प्रयोगशाला में हुई जांच में इस घी का सैंपल फेल हो गया है। इस विभाग के द्वारा पतंजलि कंपनी का यह घी टिहरी जिले की एक दुकान से लिया गया था और इसे राज्य की प्रयोगशाला में भेजा गया। प्रयोगशाला के नतीजों में कहा गया कि पतंजलि के इस घी पतंजलि घी में मिलावट की गई थी। इसके अलावा घी स्वास्थ्य के लिए तय मानकों के मुताबिक भी नहीं था। ऐसे में यह घी खाने वालों के स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त नहीं है।
ऐसा नहीं है कि पातांजलि का घी पहली बार प्रयोगशाला में फेल हुआ है। इससे पहले भी इसी विभाग ने 2021 में घी की जांच की थी जिसके बाद घी में मिलावट पाई गई थी लेकिन पातांजलि ने इसे मानने से इंकार कर दिया और जांच रिपोर्ट को ही गलत साबित कर दिया था। जिसके बाद एक बार फिर विभाग ने वैसी ही जांच की और नतीजा भी वही निकला यानी पतंजलि ब्रांड का घी केंद्रीय प्रयोगशाला में फेल हो गया। ऐसे में अब खाद्य सरंक्षा और औषधि विभाग खाद्य सरंक्षा और औषधि विभाग टिहरी जनपद के SDM कोर्ट में वाद दायर करने जा रही है।
इसे लेकर अब विभाग भी गंभीर दिखाई दे रहा है। खाद्य सुरक्षा अभिहित अधिकारी एमएन जोशी ने इस मामले में कहा कि प्रयोगशाला की जो रिपोर्ट आई है उसके मुताबिक पतंजलि के घी में मिलावट है और यह मानकों के अनुरुप नहीं है। ऐसे में सीधे तौर पर यह स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह है। इसके अलावा चार धाम यात्रा में चंबा धरासू राजमार्ग पर सेलूपानी में एक होटल से इसी ब्रांड के चावल भी सैंपल के तौर पर लिये गए और इनकी रिपोर्ट भी फेल हो गई। इस चावल में बड़ी मात्रा में कीटनाशक मिले हैं।