धार। विशेष न्यायाधीश पंकज सिंह माहेश्वरी ने बलात्कार के मामले में फैसला सुनाते हुए दोषी पाए गए जीवन (21 साल) पिता देवी सिंह निवासी हरिगंज मोहल्ला थाना मांडव को 20 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
न्यायाधीश ने 27 जुलाई 2022 को पारित किए गए आदेश में दोषी को आईपीसी की धारा 343 में एक वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रुपये अर्थदंड, आईपीसी की धारा 363 में पांच साल का सश्रम कारावास एवं 500 रुपये अर्थदंड, आईपीसी की धारा 366 में सात साल का सश्रम कारावास एवं 500 रुपये अर्थदंड व 5एल/6 पॉक्सो एक्ट में 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं 1000/- रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
मीडिया प्रभारी अर्चना डांगी ने बताया कि पीड़िता दिनांक दो जून 2021 को अपने किराने की दुकान का सामान लेने नालछा गई थी। वहां उसे दोषी मिला और उसने कहाकि मैं तुझे पंसद करता हूं और तुझसे शादी करूंगा।
मेरे साथ चल नहीं तो तेरे पिता को जान से मार डालूंगा और उसे अपनी मोटर साइकिल पर बैठाकर किसी मकान में ले गया और उसके साथ कई बार गलत काम किया।
इस घटना की रिपोर्ट पीड़िता के पिता ने चार जून 2021 को थाना मांडव में की थी जिसका सम्पूर्ण अनुसंधान कर चालान न्यायालय में पेश किया गया। इस प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक आरती अग्रवाल द्वारा की गई।
केस की सुनवाई के दौरान न्यायालय मे पीड़िता सहित 12 गवाहों की गवाही हुई जिसमें पीड़िता व उसके परिजन, चिकित्सक व विवेचक की साक्ष्य बहुत ही महत्वपूर्ण रही।
इन्हीं साक्षियों के साक्ष्य से दस्तावेजी साक्ष्य न्यायालय के समक्ष अभियोजन द्वारा प्रमाणित किए गए और घटना को प्रमाणित मानते हुए आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।