इंदौर। महू तहसील में जब मतदान के लिए निर्वाचन कर्मी मतदान केंद्रों पर पहुंच रहे थे ठीक उसी समय एक पूर्व सरपंच को खोजने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस उनके गांव में घूम रही थी। मेण गांव में कांग्रेस समर्थित सरपंच प्रत्याशी बैकुंठ पटेल और उनकी पत्नी तथा गांव की पूर्व सरपंच माया पटेल की तलाश में करीब दर्जन भर पुलिस की गाड़ियां गांव में पहुंची।
कांग्रेस प्रत्याशी बैकुंठ पटेल की पत्नी माया पटेल ग्राम पंचायत से पूर्व सरपंच रहे हैं और कुछ दिनों पहले ही उनके खिलाफ जांच शुरू कर प्रशासन ने उन पर 20 लाख रु की अनियमितता का आरोप लगाकर सीधे एफआईआर कर दी।
शुक्रवार को इतने अधिक पुलिस वाहन देखकर ग्रामीण हैरान थे। पटेल दंपत्ति को पकड़ने के लिए एसपी के साथ थानों के कई पुलिस अधिकारी पहुंचे थे।
यह पहली बार था कि अनियमितता के आरोप में किसी पूर्व सरपंच को पुलिस इतनी सरगर्मी से तलाश कर रही हो। महू जनपद में पहले भी कई बड़े भ्रष्टाचार के मामले पकड़े गए लेकिन शायद ही कोई गंभीर कार्रवाई की गई।
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इस दौरान पुलिसकर्मी गांव में पटेल दंपत्ति के बारे में पूछताछ करते दिखे। ग्रामीणों के मुताबिक यह पुलिस और प्रशासन का शक्ति प्रदर्शन ज्यादा दिखाई दे रहा था।
उधर पटेल दंपत्ति के द्वारा मीडिया को संदेश पहुंचाया गया कि यह कार्रवाई की बल चुनावों को देखते हुए की जा रही है और इसके पीछे मंत्री उषा ठाकुर का हाथ है। कांग्रेस प्रत्याशी बैकुंठ पटेल ने बताया कि उन्हें गिरफ्तारी का डर दिखाकर उनके चुनाव क्षेत्र से हर दूर किया जा रहा है ताकि भारतीय जनता पार्टी यहां अपना कब्जा जमा सके। बैकुंठ पटेल ने बताया कि पुलिस इस तरह आ रही है जैसे किसी बड़े अपराधी को खोजने आई हो। उनके गांव में इतनी पुलिस पहले कभी नहीं आई। यही नहीं इस दौरान परिवार के लोगों को भी परेशान किया जा रहा है।
वहीं पूर्व सरपंच माया पटेल ने बताया कि अगर भ्रष्टाचार का आरोप उन पर लगा है तो उनके पति को फंसाने का क्या मतलब है! उन्होंने कहा कि अब तो लोगों को साफ दिखाई दे रहा है कि भाजपा उन्हें परेशान कर रही है।
इस मामले में पूर्व विधायक अंतर सिंह दरबार ने भी एक रोज पहले संदेश जारी कर आरोप लगाया था कि किस तरह भाजपा नेता पुलिस और प्रशासन की मदद से कांग्रेसी प्रत्याशियों को परेशान कर रहे हैं। दरबार के मुताबिक मंत्री उषा ठाकुर के कहने पर पुलिस और प्रशासन इस तरह की औचित्यहीन कार्रवाईयां कर रहा है।