इंदौर। एकनाथ शिंदे ये नाम पिछले दो दिनों से सोशल मीडिया पर ट्रैंड कर रहा है और कहें तो हर जगह छाया हुआ है। देशभर में भाजपा के राज को कायम करने में कुछ ही राज्य कम पड़ रहे थे इनमें एक है महाराष्ट्र, जहां एकनाथ शिंदे भाजपा के लिए बड़ी सफलता साबित हुए हैं। इस सियासी ड्रामे से जुड़ी ख़बरों, जानकारों और आंखों देखी मानें तो इस पूरे घटनाक्रम में भाजपा का हाथ होने से नकारा नहीं जा सकता है। मध्यप्रदेश, राजस्थान जैसे राज्यों में इस तरह के सियासी ड्रामे पहले भी हुए हैं।
कुछ जानकार कहते हैं शिंदे के इस सियासी ड्रामे का नतीजा कुछ भी हो लेकिन एक बात तो तय है कि अब शिवसेना और खुद शिंदे की राजनीति लंबे वक्त के लिहाज से कमजोर साबित रहे हैं। शिवसेना एक पार्टी के तौर पर और शिंदे एक नेता के तौर पर खुद को भारतीय जनता पार्टी से बचाए रखने में काफी हद तक नाकाम रहे हैं।
एकनाथ शिंदे जिनकी पिछले करीब महीने भर की जानकारी देखें तो समझ आता है कि जैसे वे अचानक ही बदल गए। कुछ दिनों पहले शिवसेना और ठाकरे परिवार के बेहद नज़दीकी रहे शिंदे अब उसी परिवार और पार्टी को अब तक का सबसे बड़ा धोख़ा दे रहे हैं।
शिंदे की छवि कट्टर हिन्दू नेता की है और यही वजह है कि उन्हें महाराष्ट्र में हुए पिछले कुछ घटनाक्रम परेशान करते रहे हों और उनकी इस छटपटाहट का अंदाजा विपक्ष में बैठे नेताओं को था।
एक नज़र एकनाथ शिंदे की ट्विटर टाइमलाइन पर…
20 जून को शिंदे ने विधानपरिषद में शिवसेना के विजयी उम्मीदवारों को बधाई दी हालांकि इसमें उन्होंने गठबंधन के बाकी तीन उम्मीदवारों का ज़िक्र नहीं किया।
महाराष्ट्राच्या विधान परिषद निवडणुकीत शिवसेनेचे श्री.सचिन आहिर आणि श्री.आमश्या पाडवी यांची विधान परिषदेच्या सदस्य पदी निवड झाल्याबद्दल हार्दिक अभिनंदन!#Shivsena@ShivSena @AhirsachinAhir
— Eknath Shinde – एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) June 20, 2022
इससे ठीक एक दिन पहले शिंदे ने शिवसेना के 56 वें स्थापना दिवस में हिस्सा लिया। इस दौरान उनके साथ सीएम उद्धव ठाकरे और उनके मंत्री बेटे आदित्य ठाकरे भी मौजूद रहे। इस दौरान शिंदे सामान्य नज़र आ रहे हैं। यहां उन्होंने एक अगले ट्वीट में कार्यक्रम की जानकारी दी और कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विधान परिषद के चुनावों में पार्टी की जीत का भरोसा दिलाया।
शिवसेनेच्या ५६व्या वर्धापन दिनाचे औचित्य साधून #शिवसेना पक्षप्रमुख तथा महाराष्ट्राचे मुख्यमंत्री सन्माननीय ना.श्री.उद्धवजी ठाकरे साहेब यांनी शिवसेनेच्या सर्व लोकप्रतिनिधी, पदाधिकारी तसेच शिवसैनिकांना संबोधित केले. #शिवसेना_वर्धापनदिन pic.twitter.com/qHkjmmSLGH
— Eknath Shinde – एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) June 19, 2022
इससे पहले 16 जून को किए गए उन्होंने एक ट्वीट में वे मंत्री आदित्य ठाकरे के साथ अयोध्या में थे। यहां वे अयोध्या को हिन्दू शक्ति और भक्ति का प्रतीक बता रहे थे। इससे ठीक पहले उन्होंने आदित्य ठाकरे को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी थीं। यहां भी तस्वीरों से किसी तरह की नाराज़गी का अंदाज़ा नहीं लगता।
हिंदू शक्ती आणि भक्तीचे प्रतीक असलेल्या #अयोध्या नगरीतील शिवसेना नेते, युवासेनाप्रमुख तथा राज्याचे पर्यावरण, पर्यटन आणि राजशिष्टाचार मंत्री श्री.@AUThackeray यांचा ऐतिहासिक दौरा शरयू नदीच्या तीरावरील महाआरतीद्वारे संपन्न झाला. #जय_श्रीराम pic.twitter.com/SEyuCNgU7u
— Eknath Shinde – एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) June 16, 2022
महाराष्ट्राचे खंबीर आणि संयमी युवा नेतृत्व, #शिवसेना नेते, #युवासेनाप्रमुख तसेच राज्याचे पर्यटन, पर्यावरण आणि राजशिष्टाचार मंत्री श्री.आदित्य ठाकरे यांच्या वाढदिवसानिमित्त त्यांची भेट घेत अभिष्टचिंतन केले.@AUThackeray pic.twitter.com/o8qBjcOMRq
— Eknath Shinde – एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) June 13, 2022
आठ जून को ट्वीट में शिंदे ने महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शिवसेना की ओर से प्रत्याशियों को नामांकन जमा करने की तस्वीरें भी साझा की थीं।
येणाऱ्या #विधान_परिषद निवडणुकीकरिता श्री.@AhirsachinAhir तसेच श्री.आमश्या पाडवी यांनी महाविकास आघाडीच्या वतीने #शिवसेना पक्षाचे अधिकृत उमेदवार म्हणून आज उमेदवारी अर्ज दाखल केला. pic.twitter.com/5rTv2mUfV6
— Eknath Shinde – एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) June 8, 2022
30 मई को वे महाविकास अघाड़ी और एनसीपी की ओर से राज्यसभा के उम्मीदवार प्रफुल्ल पटेल का नामांकन जमा करवाने भी पहुंचे थे। इसकी तस्वीरें भी उन्होंने साझा कीं थीं।
येणाऱ्या #राज्यसभा निवडणुकीकरिता खासदार श्री.@praful_patel यांनी महाविकास आघाडीच्या वतीने राष्ट्रवादी काँग्रेस पक्षाचे अधिकृत उमेदवार म्हणून आज उमेदवारी अर्ज दाखल केला. #RajyaSabhaElection2022 #Maharashtra pic.twitter.com/RkMfw7pDRA
— Eknath Shinde – एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) May 30, 2022
इससे करीब एक महीने पहले तक भी एकनाथ शिंदे की ट्विटर टाइमलाइन पर कोई ऐसा ट्वीट नज़र नहीं आया जो शिवसेना नेताओं से इस कदर नाराजगी-दूरी या भाजपा से नज़दीकी दर्शाता हो। शिंदे अमूमन व्यस्त ही रहे लेकिन खबरों की मानें तो इसी बीच उन्हें तोड़ने की तैयारी भी की जा रही थी। इसमें देवेंद्र फणनवीस का बड़ा हाथ माना जाता है।