नई दिल्ली। महंगाई से परेशान जनता को मोदी सरकार ने बीते शनिवार को पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम करके कुछ राहत दी है। करों में कटौती में इस घोषणा के बाद देश भर में पेट्रोल 9.5 और डीजल सात रुपये सस्ता हो गया है। हालांकि, केंद्र की घोषणा के बाद भी कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियां सरकार पर हमलावर हैं। कांग्रेस के मुताबिक केंद्र सरकार आंकड़ों का खेल कर जनता को ठग रही है। कांग्रेस के मुताबिक सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर जो एक्साइज ड्यूटी कम की है, उसमें राज्य सरकार का भी हिस्सा है। ऐसे में केंद्र ने ऐसा करके जनता को कोई बहुत बड़ी राहत देने का काम नहीं किया है। सरकरा इससे कहीं ज्यादा बेहतर कर सकती थी।
इधर, विपक्ष के वार पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पलटवार किया है. उन्होंने एक के बाद एक किए कई ट्वीट में जहां विपक्ष को ये समझाया कि ईंधन पर एक्साइज ड्यूटी की कटौती से राज्य सरकार का कोई लेना-देना नहीं है। वहीं, ये भी बताया कि जितना काम एनडीए सरकार ने आठ सालों में किया है, उतना काम यूपीए सरकार 10 सालों में भी नहीं कर पाई थी।
उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, ” “बेसिक एक्साइज ड्यूटी (बीईडी), स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी (एसएईडी), रोड एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सेस (आरआईसी) और एग्रीकल्चर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट सेस (एआईडीसी) मिलकर पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बनाते है। बेसिक ईडी राज्यों के साथ साझा की जाती है. जबकि SAED, RIC और AIDC साझा नहीं की जाती है.
वित्त मंत्री ने कहा, ” पेट्रोल पर 8 रु प्रति लीटर और डीजल पर 6 रु प्रति लीटर की उत्पाद शुल्क में कमी जो आज से प्रभावी है, पूरी तरह से रोड एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सेस (RIC) में की गई है। यही नहीं नवंबर 2021 में पेट्रोल में 5 रु लीटर और डीजल में 10 रु लीटर की अंतिम उत्पाद शुल्क में कटौती भी पूरी तरह से आरआईसी में की गई थी। मूल ईडी जो राज्यों के साथ साझा की जाती है कि को छुआ तक नहीं गया है। इसलिए, इन दो शुल्क कटौती के फैसलों का पूरा बोझ केंद्र द्वारा वहन किया जा रहा है।”
वहीं, उन्होंने रिजर्व बैंक की डाटा का संदर्भ देते हुए कहा कि 2014-22 के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा किया गया कुल विकास व्यय 90.9 लाख करोड़ रु है। इसकी तुलना में 2004-2014 के दौरान विकास पर केवल 49.2 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए।
6/ RBI data shows total developmental expenditure incurred by the @PMOIndia @narendramodi Govt during 2014-‘22 was ₹ 90.9 lakh crore.
In contrast, only ₹ 49.2 lakh crore was spent on developmental expenditure during 2004-‘14.
— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) May 22, 2022
वित्त मंत्री ने कहा, ” ईंधन पर कल और बीते साल नवंबर में जो शुल्क की कटौती गई है, के कारण 2,20,000 करोड़ प्रति वर्ष राजस्व प्रभावित हो रहा है।” गौरतलब है कि लोगों को ईंधन की ऊंची कीमतों से राहत देने के लिए केंद्र ने शनिवार को पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 8 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर की कटौती की घोषणा की है।
केंद्र की इस घोषणा पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, ” “देश को लोगों को ठगने के लिए आंकड़ों की बाजीगरी की जरूरत नहीं है।”