भोपाल। मध्यप्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में OBC वर्ग को आरक्षण मिलने का रास्ता साफ हो गया है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि एक सप्ताह में आरक्षण की अधिसूचना और फिर अगल एक हफ्ते के अंदर चुनाव की अधिसूचना जारी की जाए। एडवोकेट वरुण ठाकुर ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि आरक्षण किसी भी स्थिति में OBC, SC/ST को मिलाकर 50% से अधिक नहीं होगा। इस सूरत में ओबीसी को 14 प्रतिशत से अधिक आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकेगा क्योंकि बाकी दोनों श्रेणियों को मिलाकर पहले ही 36 प्रतिशत आरक्षण है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने इसे ऐतिहासिक दिन बताया है।
आज का दिन ऐतिहासिक दिन है और मैं अभिभूत हूं।
||सत्यमेव जयते||
माननीय सर्वोच्च न्यायालय को मैं प्रणाम करता हूं।
आज मुझे यह कहते हुए संतोष है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव कराने का फैसला दिया है। अब पूरे आनंद के साथ ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव संपन्न होगा। pic.twitter.com/tkavvsBjI4— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) May 18, 2022
मामले में पहले सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा ओबीसी को आरक्षण देने से इंकार कर दिया था जिसेक बाद सरकार के द्वारा एक संशोधित याचिका लगाई गई थी। इस याचिका पर सुनवाई जारी थी और बुधवार को इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला रख दिया है। सरकार ने OBC आरक्षण देने के लिए कोर्ट में साल 2011 की जनसंख्या के आंकड़े प्रस्तुत किए थे। इसके अनुसार प्रदेश में OBC की 51% आबादी बताई गई है। सरकार ने दलील दी थी कि ओबीसी की बहुतायत होने के कारण इस जाति को इसी आधार पर न्याय मिलना चाहिए।
ओबीसी का यह मामला बेहद संवेदनशील है और दोनों ही पार्टियां अपना वादा पूरा नहीं कर पाईं हैं। ऐसे में सभी के नेता इस मामले में संभल कर बोल रहे हैं और इस बीच वे आरोप प्रत्यारोप के साथ अपनी राजनीति भी पूरी कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसी मुद्दे पर सरकार को घेरा है।
आज सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश में ओबीसी आरक्षण के मामले में राहत प्रदान करने का निर्णय दिया है, उसका हम स्वागत करते हैं लेकिन हमारी सरकार द्वारा 14% से बढ़ाकर 27% किये गए ओबीसी आरक्षण का पूरा लाभ ओबीसी वर्ग को अभी भी नहीं मिलेगा क्योंकि निर्णय में यह उल्लेखित है कि आरक्षण 50% से
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) May 18, 2022
हालांकि, रोटेशन पद्धति के बिना पंचायत चुनाव कराने के राज्य सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी गई है। यह चुनौती कांग्रेस नेता सैयद जाफर ने दी है। फैसला आने के बाद उन्होंने कहा कि अब जनपद पंचायतों के अनुसार आरक्षण तय होगा। यदि किसी जनपद पंचायत में अनुसूचित जनजाति वर्ग की जनंसख्या 30% और अनुसूचित जाति वर्ग की जनसंख्या 25% है तो ओबीसी को कोई आरक्षण नहीं मिलेगा।
वहीं, यदि किसी जनपद पंचायत में अनुसूचित जनजाति वर्ग की जनंसख्या 30% और अनुसूचित जाति वर्ग की जनसंख्या 15% है तो ओबीसी को 5% आरक्षण मिलेगा। यदि जनपद पंचायत में अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति की जनसंख्या 5-5% है। यानी ओबीसी की जनंसख्या 40% है, तो ऐसी स्थिति में ओबीसी वर्ग को 35% से अधिक आरक्षण नहीं मिलेगा।
कोर्ट के फैसले के साथ ही प्रदेश में बड़ी राजनीति शुरु हो चुकी है। ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण की मांग हो रही थी लेकिन कानूनन अब 14 प्रतिशत ही मिल सकेगा। ऐसे में कांग्रेस इसे सरकार की अधूरी कामयाबी की तरह पेश कर रही है। वहीं कांग्रेसी नेता इस अधूरी कामयाबी को भी अपने दबाव का नतीजा बता रहे हैं। इसके साथ ही भाजपा इस लेकर कांग्रेस पर काफी सवाल खड़े कर रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि कांग्रेस को 27प्रतिशत आरक्षण देना था तो उन्होंने क्यों कोर्ट में अपने वकील खड़े नहीं किये।
कांग्रेस और कमलनाथ हमेशा षड्यंत्र ही करते रहे, कभी भी उनकी नीयत ओबीसी को न्याय देने की नहीं थी।
मैं आज पूछ रहा हूं कमलनाथ जी क्यों आपके एडवोकेट जनरल ओबीसी के लिए 27% आरक्षण की बात थी तो कोर्ट में खड़े नहीं हुए?कमलनाथ जी, अब ओबीसी बहुत समझदार है, आपने पाप किया है वह जान गया है। pic.twitter.com/tsIGr9KABi
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) May 18, 2022
इसके अलावा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने भी कांग्रेसियों पर जमकर हमला बोला है।
आज मध्यप्रदेश के लिए ऐतिहासिक दिन है, सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण के साथ स्थानीय निकाय व पंचायत चुनाव करवाने का निर्णय लिया है। यह भारतीय जनता पार्टी की सरकार एवं संगठन के संकल्प की जीत है। :- प्रदेश अध्यक्ष श्री @vdsharmabjp pic.twitter.com/IBqoJSNZL8
— BJP MadhyaPradesh (@BJP4MP) May 18, 2022
इसके पहले दोनों ही पार्टियों ने अपने आप को ओबीसी का सबसे बड़ा हिमायती दिखाने की कोशिश की है। सुप्रीम कोर्ट ने शुरुआती फैसले में आरक्षण की मनाही की थी जिसके बाद कांग्रेस ने अपने अंदरूनी टिकट में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण देने की बात कही थी इसे देकर भाजपा के प्रदेशाध्यक्षण वीडी शर्मा ने भी इसी तरह एक कदम आगे बढ़कर इससे भी अधिक टिकिट ओबीसी को देने का वादा किया था।