सागर. बीएमसी के डॉक्टरों ने तीन जूनियर डॉक्टरों पर हुई कार्रवाई से बौखला कर बुधवार को हड़ताल कर दी जिसका खामियाजा निर्दोष मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। मरीजों की मुश्किलें बढ़ाते हुए और मानवीय रवैया भूल डॉक्टर हड़ताल पर बैठे रहे। कोविड आईसीयू को छोड़कर अन्य किसी भी विभाग में कोई डॉक्टर इलाज के लिए नहीं गया। अस्पताल परिसर स्थित शिव मंदिर के पास तकरीबन 100 डॉक्टर जमा हुए और साथी डॉक्टरों के खिलाफ हुई कार्रवाई वापस लेने के अलावा कलेक्टर व रजिस्ट्रार एमपी एमसीआई को निलंबित करने मांग करते रहे।
नजदीक में पड़े दर्द से कराह रहे मरीजों की तकलीफ को नजरअंदाज करते हुए एक बार भी कोई डॉक्टर मरीजों के बीच नहीं गया जबकि दोपहर 2 बजे तक कई मरीजी ओपीडी के बाहर डॉक्टरों के आने का इंतजार करते रहे।
दूसरी तरफ, डॉक्टरों को मनाने के लिए डीन डॉ जीएस पटेल दोपहर 2 बजे प्रदर्शनस्थल पर पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से कहा कि कमिश्नर ने उनकी मांग मान ली है। आपलोग सिर्फ नोटिस का जवाब दिलवा दीजिए। प्रकरण में खत्मा लगवाने की गारंटी देता हूं, लेकिन इस बात से डॉक्टर संतुष्ट नहीं हुए।
डॉक्टरों का कहना है कि जब जूनियर डॉक्टरों ने कोई गलती की ही नहीं, तो वे नोटिस का जवाब क्यों दें। देर रात तक डॉक्टरों व प्रशासनिक अधिकारियों के बीच चर्चा का दौर जारी रहा, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। गुरुवार को भी डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे।
तीसरे जूनियर डॉक्टर को नोटिस मिलने के बाद बढ़ा मामला
जूनियर डॉक्टर गौरव तिवारी और पल्लवी मिश्रा के बाद डॉक्टर अभिजीत सिंघई को भी एमपी एमसीआई ने रजिस्ट्रेशन समाप्त करने का नोटिस भेजा है। एमपी एमसीआई द्वारा इस तरह से नोटिस जारी करने के बाद मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने इसे भी मुद्दा बनाया और हड़ताल को अनिश्चितकालीन करने का निर्णय ले लिया।
2 हजार रुपए खर्च कर बेटे को लाई थी बीएमसी
हड्डी विभाग की ओपीडी के पास डॉक्टर के आने का इंतजार कर रही गनीबाई अहिरवार ने बताया कि वह सुबह 10 बजे अपने बेटे विशाल को लेकर आई थी। उसने बताया कि उसे हड़ताल की जानकारी नही थी। डॉक्टर ने टांके कटवाने के लिए बुलाया था। महिला ने बताया कि सानोधा से सागर वह निजी वाहन से 2 हजार खर्च कर आई थी।
डॉक्टर के पास गए लेकिन नहीं किया इलाज
केसली से आई गीता चढ़ार का हाथ फ्रैक्चर हो गया था और वह अपने परिजनों के साथ बीएमसी आई थी। डॉक्टरों के हड़ताल पर होने की जानकारी उसे भी नहीं थी। ओपीडी में घंटों इंतजार के बाद जब डॉक्टर नहीं आए, तो वह प्रदर्शन स्थल पर पहुंच गई, लेकिन डॉक्टरों ने मरीज की कोई मदद नहीं की। मजबूरन मरीज को वापस लौटना पड़ा।
जूनियर डॉक्टरों ने जब कोई गलती की ही नहीं तो वे नोटिस का जवाब क्यों दें। जब तक कार्रवाई वापस नहीं होती और कलेक्टर व एमपी एमसीआई के रजिस्ट्रार को निलंबित नहीं किया जाता तब तक हड़ताल जारी रहेगी। आज भोपाल में भी प्रदर्शन होगा। – डॉ सर्वेश जैन, अध्यक्ष मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन