धार। अब धार शहर के लिए एक और खुशखबरी देते हुए रेल लाओ महारामिति के संयोजक डॉ. दीपक नाहर ने बताया कि पश्चिम रेलवे ने इंदौर-धार को जल्द एक करने हेतु आवंटित बजट 365 करोड़ में से दूसरा टेंडर 112 करोड़ रुपये का गत दिनों जारी किया है।
गुणावद से धार तक महज 14 किलोमीटर लंबी पटरियां 12 माह में बिछाकर इंदौर की मुख्य लाइन से ठेकेदारों को जोड़ना होगा। डॉ. नाहर ने बताया कि पहला टेंडर 143 करोड़ का चार दिन पहले ही पश्चिम रेलवे के रतलाम डिवीज़न ने निकाला था।
इस तरह अब तक कुल 255 करोड़ रुपये के दो टेंडर टीही से धार तक की पटरियां रिकॉर्ड एक से डेढ़ साल में ही बिछाने हेतु निकल गए हैं। डॉ. नाहर ने बताया कि सुरंग के शेष 50 प्रतिशत कार्य हेतु भी तीसरा एक अरब रुपये के बराबर का टेंडर एक हफ्ते में निकल जाएगा।
यह जानकारी देते हुए रेल लाओ महा समिति के डॉ. दीपक नाहर ने बताया कि अबकी बार रेलवे को आवश्यक रूप से 12 माह में गुणावद से धार तक के बीच सभी बड़े छोटे पुल-पुलियाओं, ओवरब्रिज का पूर्ण निर्माण कर बीच का अर्थ वर्क मशीन से कटे हुए काले पत्थर बिछाकर पूर्ण करना होगा ताकि उसपर यार्ड स्लीपर पटरियों के क्रॉसिंग को बिछाकर वेल्डिंग कर आसपास की बाउंड्री और टो-वाल का निर्माण किया जा सके।
डॉ. नाहर ने बताया कि इन दोनों टेंडरों का कार्य एक साथ होगा और जून 2024 तक धार शहर इंदौर से जुड़ जाएगा। इसके साथ जिला प्रशासन से एक बार फिर 50 साल से जर्जर हो रहा पुराना बस स्टैंड के प्रस्तावित विस्तार पर पुनर्विचार करने की अपील की है।
मास्टरप्लान में नए बस स्टैंड का पुनर्निर्माण दो किलोमीटर लंबे नवीन रेलवे स्टेशन के पास बताया है जो कि नोगांव स्थित सेंट जॉर्ज स्कूल और पुराने आरटीओ के पास है इसलिए आजकल लंबी लाइन की फ़ास्ट बसें वहीं तक आती हैं।
यहां धार की दोनों फोरलेन एक-दूसरे को क्रॉस करती है जबकि 50 प्रतिशत से अधिक मध्यम लाइन की फास्ट बसें घोड़ा चौपाटी तक ही जाती है और सिर्फ 30 प्रतिशत बसें ही आजकल मौजूदा बस स्टैंड तक आती है।
उनका कहना है कि इतनी कम संख्या में आने वाली बसों के लिए धार के अत्याधुनिक बस स्टैंड में पैसा लगाया जा रहा है जबकि वैसे भी मास्टर प्लान में कोई भी विस्थापित सार्वजनिक उपयोग की सुविधा के क्षेत्र का उसी जगह विस्तार नहीं कर सकते हैं।
डॉ. नाहर ने बताया कि यदि बस स्टैंड को रेलवे स्टेशन के पास नहीं बनाना हो तो मास्टर प्लान में फेरबदल कर नए बस स्टैंड को घोड़ा चौपाटी स्थित मिडिल स्कूल ग्राउंड में बनाया जा सकता है जहां धार के दोनों स्टेट हाइवे एक-दूसरे को क्रॉस करते हैं लेकिन मास्टरप्लान का उल्लंघन कर बस स्टैंड मौजूदा स्थान पर नहीं बना सकते हैं।