जबलपुर। जबलपुर हाईकोर्ट ने MPPSC-2019 की प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के परिणाम निरस्त कर दिए हैं। हाईकोर्ट में दायर याचिका में आरोप लगाया गया था कि विवादित नियमों के तहत PSC ने रिजल्ट जारी किए थे।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर पीठ ने पुराने नियमों के तहत दोबारा रिजल्ट जारी करने को कहा है। हाईकोर्ट ने PSC के संशोधित नियम को असंवैधानिक करार दिया है।
बता दें कि 17 फरवरी 2020 को नियम संशोधित किए गए थे। संशोधित नियमों के अनुसार रिजर्व कैटेगिरी के छात्र जनरल कैटेगरी से परीक्षा नहीं दे सकते थे।
अब प्री का रिजल्ट पुराने नियमों के तहत दोबारा जारी होगा। इसमें सफल कैंडिडेट को मुख्य परीक्षा देना होगी।
कुल 587 पद थे जिनमें SDM, DSP जैसे प्रमुख पद भी शामिल थे। हाईकोर्ट में MPPSC-2019 को लेकर एक साथ 58 याचिकाओं पर सुनवाई चल रही थी।
अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर और विनायक प्रसाद शाह ने आरक्षण अधिनियम 1994 की धारा 4 (4) और संशोधन दिनांक 17 फरवरी 2020 सहित रिजल्ट को चुनौती दी थी। मामले में लगभग 60 छात्र-छात्रओं ने हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की थी।