धार। लगातार दो सालों से कोरोना के कारण रंगों का त्यौहार फीका सा लग रहा था। इस बार बाजार में बिना कोई पाबंदी के धूमधाम से रंगपंचमी का पर्व उल्लास के साथ मनाया गया।
सतरंगी गैर निकली, आसमान भी सतरंगी रंगों से सज गया और हर तरफ अबीर-गुलाल का गुबार ही नजर आ रहा था। जिस जिस जगह से गैर निकली वहां जमकर स्वागत किया गया।
घर की छत से, गैलरी से रंगों की बौछार की गई। फाल्गुन पूर्णिमा के पांचवें दिन रंगपंचमी का त्योहार जिलेभर में धूमधाम से मनाया गया। रंगपंचमी पर रंग एवं भंग का जादू इस कदर चढ़ा कि लोग खुद को होली खेलने से नहीं रोक पाएं।
शहर के अलग-अलग जगह से फाग यात्रा निकाली जिसमें सैकड़ों लोगों ने शिरकत कर सारे शहर को एक रंग में रंग दिया। शहर में मंगलवार को अलसुबह से शुरू हुआ एक-दूसरे को रंगने-रंगाने का दौर देर शाम तक चलता रहा।
हुरियारों की टोलियों ने गाजे-बाजे के साथ शहर की हर गली हर मोहल्ले में जाकर धूम मचाई। इस अवसर पर अलग अलग चौराहा से फाग यात्रा निकाली गई जो कि शहर के प्रमुख मार्गों से होती हुई अपने स्थानों पर खत्म हुई।
पांच दिवसीय रंगारंग कार्यक्रमों के अंतिम दिन शहरभर में कई विशाल फाग यात्रा निकाली गई। इस आयोजन में बड़ी तादाद में रंगप्रेमी शामिल हुए। फाग यात्रा मोती चौक से शुरू होकर शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए दोबारा अपने स्थान पर पहुंची।
संपूर्ण यात्रा के दौरान हुरियार जमकर गुलाल उड़ा रहे थे। वही डोल डीजे की थाप पर नाच रहे थे। रंगारंग फागयात्रा में शामिल हुरियारों को उत्साह को देखते हुए प्रशासन ने शहर भर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे।
फव्वारों के पानी से भिंगोया –
नगरपालिका की ओर से होली पर्व को देखते हुए शहर के विभिन्न स्थानों पर पानी के टैंकर खड़े किए गए थे। इन पानी के टैंकरों से पानी भरकर यहां से गुजरने वाले सभी पर जमकर पानी फेंककर भिंगोया गया।
लोग पानी, सूखे व पक्के रंगों के साथ रंगपंचमी खेल रहे थे, वहीं बच्चों ने अपने घर की छत से भी पिचकारी और अन्य साधन से पानी फैंककर हुरियारों को भिंगोया।
जमकर चली कपड़ा फाड़ होली –
रंगपंचमी की मस्ती के बीच शहर के अनेक स्थानों पर युवाओं ने कपड़ा फाड़ होली खेली। हालांकि राह से गुजरने वालों को किसी ने परेशान नहीं किया, लेकिन अपनी टोली के सभी युवा एक-दूसरे के कपड़ों को फाड़ दिया।
शहर के अलग-अलग स्थानों पर बिजली के तारों पर होली के कपड़े टंगे हुए हैं जिससे कपड़ा फाड़ होली की वृहदता का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। इस बार रंगपंचमी के पर्व को धूमधाम से मनाया गया।
महिलाओं ने भी जमकर खेली होली –
रंगपंचमी पर जहां बच्चों, युवाओं और वरिष्ठों का उत्साह रंग खेलने में था, वहीं कॉलोनियों व बाजार में महिलाओं ने भी जमकर होली खेली। किसी को रंग लगाकर तो किसी को पानी से भिंगोकर जमकर होली का आनंद लिया। इसके साथ ही जगह-जगह पर महिलाओं ने नाश्ते का भी मजा लिया। दो साल कोरोना के बाद यह होली धूमधाम से मनाई गई।
रंग बरसाती निकली फाग यात्राएं –
राधाकृष्ण फाग यात्रा, धारनाथ स्पोट्र्स क्लब फाग यात्रा, नपा की फाग यात्रा, पक्षी ग्रुप की फाग यात्रा, MBA ग्रुप, देश प्रेमी ग्रुप की फाग यात्रा, भोज फाउंडेश की फाग यात्रा, महादेव ग्रुप की फायग यात्रा, खेड़ापति व्यायामशाला की फाग यात्रा, नाने वाड़ी फ्रेंड्स क्लब, जय धारनाथ ग्रुप के अलावा सरस्वती शिशु मंदिर व लकड़ी पीठा से भी फाग यात्राएं निकली, जो अपने-अपने क्षेत्र के प्रमुख मार्गों पर रंग बरसा रही थी।
शहर में रखी पैनी नजर –
रंगपंचमी को लेकर पुलिस प्रशासन द्वारा शहर भर में ड्रोन से कड़ी नजर रखी गई। पुलिस प्रशासन ने देखरेख के लिए सुरक्षा की दृष्टि से पांच डीएसपी, एक सीएसपी, 4 टीआई सहित 350 पुलिसकर्मियों को रंगपंचमी के लिए तैनात किया था।
शहर भर में 28 पाइंटों पर सुबह से ही पुलिसकर्मी चौराहों पर मौजूद थे। इसके साथ ही पुलिस मोबाइल वाहन व बाइक पुलिस टीम लगातार शहर में भ्रमण करती रही। साथ ही ड्रोन से भी फाग यात्रा पर नजर रखी गई।
फाग यात्रा के रूट पर स्थित बड़े भवनों से भी पुलिस जवान यात्रा पर नजर बनाकर रख रहे थे। गौरतलब है कि कानून व्यवस्था के लिहाज से धार काफी संवेदनशील जिला है।
व्यवस्था को लेकर धार कलेक्टर पंकज जैन, एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने दिन भर शहर की व्यवस्था देखी। वहीं एडिशन एसपी देवेंद्र पाटीदार, एसडीएम व एडीएम श्रृंगार श्रीवास्तव, डिप्टी कलेक्टर रोशनी पाटीदार, डिप्टी कलेक्टर भूपेंद्र सिंह रावत, सिटी मजिस्ट्रेट राहुल चौहान, सीएसपी देवेंद्र दुर्वे, डीएसपी मोनिका सिंह, टीआई आनंद तिवारी, समीर पाटीदार, सीएमओ निशिकांत शुक्ला आदि अधिकारियों ने पूरे दिन फाग यात्रा पर नजर बनाए रखी।
गांव में भी रही रंगपंचमी की धूम –
कोरोना काल के बाद दो साल से रंगपंचमी और होली फीकी नजर आ रही थी। पाबंद हटने के बाद रंगपंचमी के दिन ग्रामीण क्षेत्रों में भी काफी उत्साह देखने को मिला।
ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों द्वारा एक-दूसरों को बधाई देते हुए रंग-गुलाल लगाया गया। देर शाम तक रंगपंचमी का रंग लोगों को चढ़ता रहा। देर शाम होते-होते लोगों ने एक दूसरे के कपड़े फाड़ होली का समापन किया।